बीकानेर hellobikaner.com जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि जिले में समस्त स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चालू हो जाएं इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अतिरिक्त प्रयास करते हुए सुनिश्चित करें कि जिला, उपखंड, तहसील स्थित समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों सहित पीएचसी व सीएचसी पर डाॅक्टर नियमित रूप से पहुंचे। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए आमजन न हो परेशान।
गौतम ने मंगलवार को नगर निकास न्यास सभागार में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बी एल मीना सहित जिले के समस्त ब्लाॅक सीएमओ के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि कोरोना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इसके साथ-साथ स्वास्थ्य अधिकारियों को अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अपने काम को भी सामान्य स्थिति में लाना होगा।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, राजश्री योजना, जननी सुरक्षा योजना सहित स्वास्थ्य से जुड़ी समस्त योजनाओं की शतप्रतिशत सफल क्रियान्वति के लिए यह जरूरी है कि नियमितं प्रक्रिया कोविड-19 से पूर्व की भांति चालू हो। संस्थागत प्रसव महिला और बाल स्वास्थ्य का आधार है अतः सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करंे कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक सीएचसी व पीएचसी पर ही प्रसव हो। यदि किसी भी स्वास्थ्य केन्द्र पर संस्थागत प्रसव तथा टीकाकरण के आंकड़े सामान्य से कम होंगे तो सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह पाया गया है कि पिछले कुछ माह में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण में काफी कमी आई है। सामान्य स्वास्थ्य मानदण्डों के अनुसार यह उचित नहीं है। गौतम ने कहा कि राजश्री योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा जननी सुरक्षा योजना के तहत भुगतान नियमित हो। मानसून के चलते आने वाले महीनों में मौसमी बीमारिया बढ़ सकती है। ऐसे में इनसे बचाव के लिए आवश्यक दवा छिड़काव आदि सुनिश्चित करवाएं। सभी सीएचसी तथा पीएचसी में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत सूचीबद्ध सभी दवाएं उपलब्ध रहे। ब्लाॅक सीएमओ अपने क्षेत्र की पीएचसी सीएचसी को नियमित रूप से औचक निरीक्षण करें, यदि किसी भी केन्द्र पर व्यवस्थाओं में कोई खामी पाई गई तो सम्बंधित स्वास्थ्य अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
कोरोना बचाव के लिए करें आईईसी, जीवनशैली में बदलाव स्वीकारें
गौतम ने कहा कि कोरोना बचाव के सम्बध में पीएचसी सीएचसी स्तर पर आने वाले रोगियों के साथ चर्चा करें और उन्हें बताएं कि यदि कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो बिना देरी किए तुरंत जांच करवाएं और अपने और अपने परिवारजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। गौतम ने कहा कि कोरोना की चुनौती के साथ लोगों को सामान्य रूप से जीवन जीने के लिए तैयार करने और सोशल डिस्टेसिंग रखते हुए नई जीवन शैली के लिए प्रेरित करें।