बीकानेर hellobikaner.in राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास का गुरुवार को मुक्ति संस्थान की ओर से सर्किट हाउस में नागरिक अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष व्यास ने कहा कि बीकानेर उनका कर्म क्षेत्र रहा है। यहां की संस्कृति और परम्पराओं से उन्हें सीखने को मिला। उन्हें जो कुछ भी मिला है, बीकानेर के कारण ही मिला है।
यहां के लोगों से मिला प्यार उनके लिए अविस्मरणीय है। व्यास ने अध्ययन एवं वकालात के दौर के अनुभवों के बारे में बताया। मुक्ति संस्था के अध्यक्ष एड. हीरालाल हर्ष ने कहा कि साधारण परिवार में जन्में न्यायमूर्ति व्यास ने अनेक चुनौतियों का सामना किया तथा एक मुकाम हासिल किया। इनका व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। मुक्ति के सचिव तथा वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि व्यास ने एक कुशल अधिवक्ता और कुशल न्यायविद् के रूप में अपनी गहरी छाप छोड़ी।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में वह एक बार फिर ‘मानव मित्र’ बनकर कार्य करेंगे। केन्द्रीय साहित्य अकादमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा कि न्यायमूर्ति व्यास में साहित्य के प्रति गहरी समझ हैं तथा लोक साहित्य एवं लोक गीतों को जन-जन तक पहुंचाने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इस दौरान मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष को शाॅल, साफा एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य ने किया।
महानिरीक्षक (पुलिस) प्रफ्फुल कुमार ने आभार जताया। इस अवसर पर मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार ओमी पुरोहित, जिला एवं सेशन न्यायधीश मदन लाल भाटी, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल दास व्यास, चंद्रशेखर जोशी, बुलाकी शर्मा, राजाराम स्वर्णकार, डाॅ. रेणुका व्यास, शशिशेखर जोशी, राजा राम स्वर्णकार, नदीम अहमद नदीम, शिव शंकर व्यास, दिनेश चूरा, सुभाष जोशी, गिरिराज जोशी तथा डाॅ. नमामि शंकर आचार्य मौजूद रहे। इस दौरान साहित्यकारों ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को अपनी पुस्तकें भेंट की।