बीकानेर hellobikaner.com जिला मजिस्ट्रेट व जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में बीमार व्यक्ति तक मेडिकल सेवा पहुंचाना प्राथमिकता पर हो साथ ही यह सुनिश्चित करें कि किसी बीमार को अस्पताल ले जाने या दवा और स्वास्थयकर्मी को उसके घर तक पहुंचने में कई समस्या ना आए, सभी अधिकारी समन्वित प्रयासों से यह सुनिश्चित करें।
लॉक डाउन वाले इलाके में अगर किसी तरह की भी समस्या या स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत आती है तो मौके पर उपस्थित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी स्वविवेक से निर्णय लेकर समस्या को समाधान करें। विशेषकर अगर किसी व्यक्ति को दवा अथवा भोजन की जरूरत हो या किसी प्रसूता को निषेधाज्ञा क्षेत्र से अस्पताल ले जाना हो तो ऐसे प्रकरणों में मानवीय संवेदना रखते हुए उचित निर्णय लेकर उन्हें गंतव्य तक जाने दिया जाए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आपस में बेहतर कोआर्डिनेशन रखते हुए निषेधाज्ञा की और लॉक डाउन की पालना सुनिश्चित करवाएं।
Bikaner Corona Case Update : बीकानेर में दो और कोरोना पॉजिटिव मिले, अब कुल ….
गौतम शनिवार को नगर विकास न्यास के सभागार में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में बोल रहे थे, बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा सहित सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। गौतम ने बताया कि लॉक डाउन व निषेधाज्ञा की प्रभावी पालना हो तथा जरूरतमंद व्यक्ति के साथ साथ ऐसे आवश्यक सेवाओं के अधिकारी कर्मचारी भी सुगमता से आ जा सके इसके लिए 7 स्थानों पर विशेष नाके स्थापित किए गए हैं।
जहां पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे ताकि प्रवेश के समय ही यह सुनिश्चित हो जाए कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में संबंधित व्यक्ति का जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अगर किसी व्यक्ति को कोई आवश्यक सामान लेने के लिए अस्थाई रूप से 2 से 3 घंटे के लिए बाहर जाना हो तो उसे वहीं से इजाजत दे दी जाए और उसका इंद्राज एक रजिस्टर में कर लिया जाए ताकि जब वापस लौट कर आए तो उसी स्थान से प्रवेश कर अपने घर चला जाए।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र और लाॅक डाउन की घोषणा कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए की गई है ऐसे में सभी अधिकारी आमजन को भी यह बात बताते रहें साथ ही किसी की जरूरत के मुताबिक राशन सामग्री, बिजली, पानी, चिकित्सा सहित अन्य ऐसे अधिकारी को इन क्षेत्रों में निर्बाद्ध रूप से जाने दिया जाए। उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में राशन, दूध आदि डोर टू डोर सप्लाई करवाई जा रही है इसमें रविवार से और गुणात्मक सुधार लाते हुए वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि संपूर्ण क्षेत्र में आसानी से इनकी उपलब्धता लोगों तक हो सके।
जेनुइन कारण का फैसला आपको लेना होगा
जिला मजिस्ट्रेट ने सभी एरिया मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित पुलिस के अधिकारियों से कहा कि आप मौके पर रहते हैं और वहां अगर आपको लगे कि कोई जेनुइन आवश्यक सामान लेने जा रहा है तो उसे फैसिलिटेट कर लें मगर इस समय यह भी ध्यान रखना होगा कि वह व्यक्ति जेनुइन हो इसे तय करना आपके विवेक पर निर्भर करता है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय कर जनता को राहत पहुंचाने में पूर्ण मुस्तैदी और निष्ठा के साथ कार्य करें। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में प्रवेश के समय परेशानी ना हो इसके लिए साथ स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर नाके लगाए गए हैं यहां पुलिस का अधिकारी आश्वस्त होने के बाद प्रवेश देगा इनमें सिटी कोतवाली के पास महर्षि दयानन्द सरस्वती मार्ग, श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर के पास, मोहता चैक, सोनगिरी कुआं, चैखुटी पुल के नीचे, जैसलमेर रोड पर पुल के नीचे, मुख्य डाक घर के पास एन्ट्री पाॅइंट बनाएं गए हैं ।
होम डिलीवरी नहीं की तो होगी कार्यवाही
जिला मजिस्ट्रेट ने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में आम लोगों को खाद्य सामग्री आसानी से मिल सके इसके लिए कुछ दुकानदारों को इजाजत दी गई है और इन सभी को पाबंद किया गया है कि यह मांग के अनुसार अपने निर्धारित एरिया में रहने वाले लोगों को सामग्री उपलब्ध करवाएंगे अगर इसमें किसी तरह की गड़बड़ी हुई या संबंधित दुकानदार द्वारा अपने लिए निर्धारित किए गए वार्ड के उपभोक्ता को सामान नहीं पहुंचाता है तो दुकानदार के विरुद्ध भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन एएच गौरी अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) सुनीता चैधरी, शैलेंद्र देवड़ा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन मीणा सहित सभी एरिया और सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।