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बीकानेर hellobikaner.in सरेह नथानिया, भीनासर व गंगाशहर की तीनों गोचर विकास समितियों का संयुक्त मंच बनाया गया है। यह संयुक्त मंच तीनों गोचर चारागाह विकास का कार्य मिलजुल कर करेंगे। मुरली मनोहर धोरे पर विभिन्न प्रतिनिधि लोगों की बैठक में सर्वसम्मति से कई निर्णयों पर हस्ताक्षर किए गए।

 

गोचर भूमि पर चारागाह विकास और चारों तरफ गोचर की सीमा पौधरोपण का कार्य शुरू करने का निर्णय किया गया। सीवरेज ट्रीटमेंट का कुल उपलब्ध जल में 40 प्रतिशत पानी गोचर में चारागाह व पेड़ लगाने के उपयोग में निशुल्क उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव पारित किया गया। गोचर विकास के लिए जन जुड़ाव अभियान में 5 हजार गोचर के नए सदस्य बनाने का निर्णय किया गया। तीनों गोचर की संयुक्त विधिक कमेटी गठित की गई।

 

संत नवलरामजी महाराज ने कहा कि गोचर गायों के चारागाह और वनस्पति, वन्य जीव जन्तुओं की संरक्षण स्थली होती है। गोचर हमारी गो संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति संवर्द्धन का एकमात्र यही स्थल बचा हुआ है। समाज गोचर के विकास का काम करेगा तो सरकार प्रशासन स्वत: सहयोगी बन जाएंगे। जहां समाज इसकी देखभाल में लगा है वहां गोचर सुरक्षित है। अभी गोचर के प्रति लोगों में फिर से चेतना जगी है। समाज के स्तर पर ही गोचर की चाहर दिवारी, पौधरोपण और चारागाह विकास किया जा रहा है।

 

ये काम समाज के स्तर पर होते आए हैं। नई पहल के साथ गोचर से जुड़ी सभी संस्थाओं को एक मंच पर लाकर परस्पर सहयोग से गोचर विकास के कार्यों को गति मिलेगी। सरेह नथानिया गोचर विकास समिति के अध्यक्ष बृजरतन किराडू ने कहा कि युवाओं की संकल्प शक्ति और समर्पण के सामने गोचर विकास का काम संभव है।

 

गंगाशहर गोचर विकास समिति के मूल चन्द सामसुखा, भीनासर शिव कुमार गहलोत और कैलाश सोलंकी ने कार्य योजनाओं पर सुझाव दिए। अगली बैठक 18 जुलाई को रखी गई है। इस बैठक में  गोचर विकास में समन्वयक व पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका ने विकास और समन्वय को लेकर सुझाव दिए। बैठक में रमेश गहलोत, बद्री गहलोत, मन्नू बाबू सेवग, सूरज प्रकाश राव आदि लोगों ने भी सुझाव रखे।

 

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