हैलो बीकानेर, जयनारायण बीस्सा। दिनांक 23 जून 2017 को सरदार पटेल अयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं सम्बद्ध चिकित्सायल वर्ग, बीकानेर के प्राचार्य ने कुल सात डॉक्टरों को निजी चिकित्सालयों में सेवाएं देने के लिए नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में लिखा गया था कि भविष्य में यदि निजी चिकित्सा संस्थानों में आपकी सहभागिता प्रमाणित होती है तो नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। इस संबंध ने प्राचार्य द्वारा एक कमेटी भी बनाई गई।
आज दिनांक 30 जून को उसी जांच कमेटी के सदस्य डॉ वीर बहादुर के आकस्मिक निरक्षण के दौरान मारवाड अस्पताल में डॉ दयाल शर्मा मरीजो का चैकअप कर रहा था। कमेटी के डॉ. वीरबहादूर ने उनसे जवाब तलब करते इससे पहले ही वह चैम्बर से निकल कर भाग छूटा।
डॉ.वीरबहादूर ने इस मामले की रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को सौंप दी है। पीबीएम हेल्प कमेटी के प्रतिनिधियों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर पी अग्रवाल की सख्ताई के बाद भी पीबीएम हॉस्पीटल के डॉक्टर नीजी हॉस्पीटलों में सेवाएं देने से बाज नहीं आ रहे है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय नोटिस जारी हाने के उनके रवैये से कोई बदलाव नहीं आ रहा है। इसनके खिलाफ पीबीएम हेल्प कमेटी की मुहिम लगातार जारी रहेगी।
एक दिन पहले ही दे चुके थे इस्तीफा
खबर यह भी मिल रही है कि मारवाड हॉस्पीटल में सेवाएं देने ट्रेस हुए पीबीएम के डॉक्टरा दयाल शर्मा 29 जून को अपना इस्तीफा दे चुके है। इसकी पुष्टी करने के लिए पीबीएम हेल्प कमेटी के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर पी अग्रवाल से पूछताछ की तो डॉ. आर पी अग्रवाल ने बताया कि डॉ. दयाल शर्मा का इस्तीफा शुक्रवार को उन्हें मिलेगा, इस्तीफा मंजूर किये जाने से पहले राज्य सरकार से दिशा निदे्रश प्राप्त किये जायेगे। उन्होंने कहा कि की नीजी हॉस्पीटलों में सेवाए देने वाले पीबीएम के डॉक्टरों पर कार्यवाही की मुहिम जारी रहेगी अगर कोई डॉटर नीजि ऑस्पीटल में सेवाएं देने पकड़ा गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।