बीकानेर (हैलो बीकानेर)। जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय 25वें अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का आगाज शनिवार को हुआ। उत्सव की शुरूआत जूनागढ़ से निकली शोभायात्रा से हुई। बाद में डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। यहां सजे-धजे ऊंटों के काफिलों तथा राजस्थान के विभिन्न अंचलों व क्षेत्रों के साथ देश की बहुरंगी लोक संगीत व कला तथा संस्कृति को देख देशी-विदेशी सैलानी रोमांचित हो गए।
उत्सव के पहले दिन ऐतिहासिक जूनागढ़ से अपराह्न साढ़े ग्यारह बजे निकली शोभायात्रा में ऊंट की विशिष्टताओं को दर्शाया गया। वहीं अनूपगढ़ के मंगलाराम भील व खाजूवाला के ओम प्रकाश व पार्टी मश्क पर लोकगीतों की धुनों को प्रस्तुत करते हुए चल रहे थे। चूरू की गोपाल राम पार्टी चंग पर धमाल गाते हुए व थिरकते हुए शोभायात्रा में शामिल हुई। गोगामेड़ी के रामकुमार नाथ एंड पार्टी कालबेलिया सपेरों की पूंगी (बीन) बजाते हुए तथा अनिल बोड़ा एवं पार्टी सजे-धजे रौबीले शाही पोशाक में शोभायात्रा की शेाभा बढ़ा रहे थे। दोपहर साढे बारह बजे उत्सव के उद्घाटन सत्र में शंख वादन, बांसुरी वादन व शशि कुमार सिंह व पार्टी का कच्ची घोड़ी नृत्य, उत्सव के बीच आरएसी, आर्मी बैंड लोक व पारम्परिक गीतों की स्वर लहरियां बिखेरी।
सांस्कृतिक संध्या प्रभारी पवन शर्मा ने बताया कि ऊंट उत्सव के दूसरे दिन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से पंजाब का भंगड़ा, कश्मीर का रउफ नृत्य, हिमाचल प्रदेश का नाटी नृत्य व बेस्ट ऑफ राजस्थान टीम के कलाकारों की प्रस्तुति होगी। वहीं जसनाथी सम्प्रदाय की ओर से भगवान जसनाथजी की स्तुति व वंदना के रूप में धधकते अंगारों पर अग्नि नृत्य पेश किया जाएगा। साभार : अभय इंडिया डॉट कॉम