भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-एन2 कोस्पेसएक्स को अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 (एसएलसी-40) से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में प्रक्षेपित करने के लिए उलटी गिनती सोमवार सुबह शुरू हो गई।
इसरो ने कहा जीसैट-20 इसरो द्वारा विकसित एक संचार उपग्रह है और इसे स्पेसएक्स फाल्कन 9 द्वारा लॉन्च किया जाएगा। यह फाल्कन की 19वीं उड़ान होगी। यह एक वाणिज्यिक मिशन होगा। इसरो के एलएमवी-3 में जीटीओ में 4,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता है लेकिन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे एलन मस्क के स्वामित्व वाले स्पेसएक्स के अमेरिका से फाल्कन-9 लॉन्च वाहन का उपयोग करके लॉन्च करने का विकल्प चुना। इसका वजन 4,700 किलोग्राम है।
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा वित्तपोषित, स्वामित्व और संचालित जीसैट-20, संचार उपग्रहों की जीसैट श्रृंखला की निरंतरता होगी और इसका उद्देश्य भारत के स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा आवश्यक संचार अवसंरचना में डेटा संचरण क्षमता को जोड़ना है। इसको विद्युत ऊर्जा प्रणाली को लगभग 6 किलोवाट की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उपग्रह में एक सन सेंसर, अर्थ सेंसर, इनर्शियल रेफरेंस यूनिट (आईआरयू) और स्टार सेंसर है। सभी सेंसर पूर्ण दृष्टिकोण के रूप में दृष्टिकोण डेटा प्रदान करते हैं।