जयपुर hellobikaner.in मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार कमी को देखते हुए प्रदेश के 13 जिला मुख्यालयों में लागू रात्रिकालीन कर्फ्यू तथा शाम 7 बजे बाजार बंद करने के प्रतिबंध को हटाने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों के लिए जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति की अनिवार्यता के नियम में शिथिलता देते हुए अनुमति के स्थान पर सूचना देना जरूरी किया है, हालांकि इन आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पूर्व की भांति रहेगी।
गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोविड-19 संक्रमण की स्थिति तथा टीकाकरण की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के केसेज में गिरावट के बावजूद हमें मास्क पहनने, दो गज दूरी बनाए रखने, भीड़-भाड़ से दूर रहने के कोविड प्रोटोकॉल की पालना में कोई ढ़िलाई नहीं बरतनी है। तभी हम कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोक पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऎसी नौबत न आए कि फिर से प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़े। गहलोत ने निजी अस्पतालों एवं लैब्स में आरटी-पीसीआर जांच की दर 800 रूपए से घटाकर 500 रूपए करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेशवासियों को कम दरों पर जांच सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
कोविड-19 समीक्षा बैठक में प्रदेश में निजी लैब्स में आरटी-पीसीआर टैस्ट की दरें 800 रूपये से घटाकर 500 रूपये करने के साथ ही 100 बैड्स से अधिक क्षमता वाले प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित कोविड बैड की संख्या में छूट देते हुए इसे मिनिमम 10 करने का भी निर्णय लिया है।#Rajasthan
बैठक में मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नए चरण के शुभारंभ की तैयारियों की भी जानकारी ली। उन्हाेंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि आगामी 30 जनवरी को प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के बाद स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार का यह एक बड़ा कदम होगा।
बीमा पैकेज में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस का उपचार शामिल करने को मंजूरी
गहलोत ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज की सूची में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस रोगों को भी शामिल करने का निर्णय लिया। उन्होंने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन भी कर दिया है। इन दो बीमारियों के मरीजों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष लगभग 41 करोड़ रूपए अतिरिक्त वहन करेगी।