चीन ने लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस सेवा व्हाट्सएप के वीडियो, वॉयस चैट और तस्वीरों पर प्रतिबंध लगाने के बाद इसके टेक्स्ट सेवा पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इससे फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग को चीन में दोबारा पांव पसारने के प्रयास को झटका लगा है। बता दें कि फेसबुक ने वर्ष 2014 में व्हाट्सएप का अधिग्रहण कर लिया था।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सेंसरशिप, निगरानी और ट्रेफिक जोड़-तोड़ की पहचान करने वाले एक वैश्विक ऑब्जेर्वेशन नेटवर्क, ‘ओपेन ऑब्जेर्वेटरी ऑफ नेटवर्क इंटरफेरेंस (OONI)’ के अनुसार, चीन के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं ने व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों ने 19 सितंबर को ट्विटर पर व्हाट्सएप बंद होने की ओर इशारा किया था। पिछले कुछ महीनों से चीन में व्हाट्सएप सेवा में कुछ बाधाएं भी आ रही थीं। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, “इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस सेवा व्हाट्सएप पर प्रतिबंध यह बताता है कि चीन ने इन मैसेजों से निपटने के लिए विशेषीकृत सॉफ्टवेयर प्रणाली विकसित कर ली है। यह प्रणाली एन्क्रिपशन प्रणाली पर निर्भर करती है जिसका प्रयोग व्हाट्सएप के अलावा अन्य सेवाओं में किया जाता है।”
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब 18 अक्टूबर को कम्यूनिस्ट पार्टी कांगेस की बैठक होने वाली है जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने दूसरे पांच वर्षीय कार्यकाल की शुरुआत करेंगे।
चीन इससे पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और गुगल जैसी इंटरनेट कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुका है। यहां वर्ष 2009 से फेसबुक और वर्ष 2014 से इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वहीं, व्हाट्सएप ने इस घटना पर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। कुछ लोग हालांकि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिए या इंटरनेट ट्रेफिक में हेरफेर कर इन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन चीनी सरकार ने इस वर्ष वीपीएन का भी तोड़ निकाल लिया है। साभार : खबर इंडिया टीवी