किसान सेना ने फसल के उचित दाम नहीं मिलने पर 1 से 10 जून तक मंडियों में किसानों द्वारा माल नहीं लाने का आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में दूध उत्पादक भी शामिल हैं। वे भी दूध नहीं बचेंगे। इस कारण दूध और सब्जियों की किल्लत शुरू हो गई है। उधर उज्जैन और नागदा में दूध बेचने जा रहे कुछ पशुपालकों का हजारों लीटर दूध आंदोलन कर रहे लोगों ने बहा दिया।
पशुपालक इसकी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। जानकारी के मुताबिक उज्जैन इंदौर रोड पर आंदोलन कर रहे लोगों ने दूध की टंकियों से भरे वाहन को रोक लिया। इसके बाद उन्होंने हजारों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया। इस दौरान रास्ते में जाम लग गया।
इंदौर की मंडी बंद
उधर इंदौर की छावनी अनाज मंडी में किसान के साथ हुई मारपीट के विरोध में भारतीय किसान संघ ने गुरुवार को जिले की मंडियां बंद रखीं। किसानों से कहा गया है कि वे सब्जियां व अनाज लेकर मंडियों में न जाएं। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी दिलीप मुकाती ने कहा कि मंडी समिति के अधिकारी व्यापारियों का पक्ष लेते हैं और खुद की कमियों को छिपाते हैं। अनाज को बारिश से बचाने के लिए जो तिरपाल समिति ने खरीदे हैं। उनका उपयोग किसान नहीं कर सकते। मंगलवार की घटना में भी किसान के साथ बदसलूकी की गई।
मंडी में मंगलवार को अनाज का कम भाव मिलने पर किसान रवि चौधरी अपने नाना भेरूलाल देवलिया के साथ सोयाबीन बेचने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें अनाज का उचित दाम नहीं मिला। इस पर बात विवाद बढ़ गया। व्यापारी कैलाश राजवीर से भी उनका विवाद हो गया। कुछ देर बाद अन्य किसान भी आ गए और उन्होंने मंडी के कम्प्यूटर कक्ष में तोड़फोड़ कर दी।
नहीं लाएंगे अनाज
किसान सेना के सचिव जगदीश रावलिया ने कहा कि किसान की फसलों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार भी किसानों की मदद नहीं कर रही। आलू-प्याज मंडियों में इतना सस्ते में बिक रहे कि उनकी लागत तक नहीं निकल रही। इससे किसान पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इसके विरोध में गुरुवार से इंदौर जिले की मंडियां बंद रहेंगी। दो दिन से आंदोलन को लेकर गांवों में बैठकें हो चुकी हैं। गुरुवार को मंडियों के आसपास रैलियां भी निकाली जाएंगी। रावलिया ने कहा किसानों ने भी स्वेच्छा से अनाज व सब्जियां लेकर मंडियों में नहीं जाने का फैसला लिया है। किसान शहरों में दूध बिक्री के लिए नहीं भेजेंगे।
साभारः असलन्यूज