प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय रेल नई परियोजनाओं के लिए आवश्यक श्रमबल को पूरा करने और पूरे रेलवे नेटवर्क की समग्र दक्षता बढ़ाने के लिए अपने कार्यबल में लगातार विस्तार कर रहा है। इन भर्ती अभियानों से ओवरटाइम काम करने के लंबे समय से चली रही समस्याएं, परियोजना कार्यान्वयन में देरी, कम दक्षता और उन्नयन की बाधाएं दूर होंगी। वर्ष 2014 के बाद से रेलवे में निवेश तीन गुना बढ़ा है और इसके साथ ही नियुक्तियों की जरूरतें भी बढ़ी हैं। इससे रोजगार आधारित विकास और भारतीय रेलवे का विस्तार होगा।
वर्तमान में भारतीय रेलवे में कर्मचारियों के लिए स्वीकृत पद 15,06,598 है। इनमें से 12,23,622 कर्मचारी कार्यरत हैं। शेष 2,82,976 पद रिक्त हैं। हालांकि 1,51,548 पदों के लिए भर्ती चल रही है लेकिन 1,31,428 पद अभी भी खाली हैं। गौरतलब है कि लगभग 53,000 रेलवे कर्मचारी 2019-20 में और 46,000 रेलवे कर्मचारी 2020-21 में सेवानिवृत्त होंगे जिससे लगभग 99,000 अतिरिक्त कर्मचारियों के पद खाली होंगे। इस प्रकार, वर्तमान भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेलवे में कुल शुद्ध रिक्तियां 1,31,428 होंगी और कर्मचारियों की संख्या लगभग 99,000 यानी अगले दो वर्षों में लगभग2,30,000 होगी।
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रेलवे में ये नियुक्तियां अगले दो वर्षों के दौरान दो चरणों में करने का प्रस्ताव है। फरवरी से मार्च, 2019 के दौरान शुरू होने वाले पहले चरण के तहत 1,31,328 पदों के लिए नियुक्तियां होंगी। सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए लगभग 19,715, अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों लिए 9,857 और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 35,485 पद आरक्षित होंगे। इसके अलावा, हाल ही में संसद द्वारा पारित 103वें संविधान संशोधन के अनुरूप इन रिक्तियों में से 10% यानी लगभग 13,100 पद आर्थिक रूप से कमजोर तबकों (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों से भरे जाएंगे। यह प्रक्रिया अप्रैल से मई 2020 तक पूरी कर ली जाएगी।
पहले चरण के तहत 1,31,328 कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद लगभग 99,000 कर्मियों की भर्ती का दूसरा चरण शुरू होगा जो सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त पदों के लिए होगा। सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए लगभग 15,000, अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 7,500, अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 27,000 और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के उम्मीदवारों के लिए 10,000 पद आरक्षित होंगे।
यह भर्ती विभिन्न कैडर के लिए होगी और न्यूनतम पात्रता मानदंड औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से प्रमाण पत्र अथवा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/ ऊपर की डिग्री अथवा किसी भी विषय में स्नातक होगा जो उम्मीदवार द्वारा आवेदन किए जा रहे पदों पर निर्भर करेगा।
इन भर्ती चक्रों के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। पहले चरण में 1,31,328 लोगों की नियुक्ति होगी और उसके बाद 99,000 व्यक्तियों की नियुक्ति से करीब 2,30,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इन नियुक्तियों के परिणामस्वरूप दक्षता में वृद्धि होगी और निवेश से क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने से क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता एकीकृत होगी और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।