hellobikaner.com

Share

हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राज्य की भजनलाल सरकार द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए नए जिलों में नौ जिलों एवं तीन संभागों को खत्म कर देने के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इस बारे में राज्य सरकार को जनता को जवाब देना पड़ेगा।

गहलोत रविवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की नई सरकार काम नहीं कर रही है और अब यह बात फैल गई है। उन्होंने कहा कि सरकार काम करने की बजाय घोषणा पत्र में जो वादे किए है वे भूल गई हैं और नाम बदलने एवं काम बंद करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सड़क हो, मेट्रो हो काम बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी जब रिफाइनरी के काम में देरी हुई तो उसकी लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। उन्होंने कहा कि जब किसी काम को बंद कर दोगे तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी जिससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा ।

राज्य सरकार के नये जिले निरस्त करने के निर्णय के विरुद्ध कांग्रेस के अगले कदम के बारे में पूछने पर गहलोत ने कहा कि फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण देश भर में शोक चल रहा है, उसके बाद हम लोग प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बैठकर चर्चा करेंगे लेकिन सरकार के इस कदम पर राज्य सरकार को जनता को जवाब देना पड़ेगा।

सरकार के इस फैसले के खिलाफ लोगों के सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आंदोलन या प्रदर्शन करने पर कोई एतराज नहीं है लेकिन प्रदर्शन एवं आंदोलन जो भी करें वह शांतिपूर्ण होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बनते ही उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला और विपक्ष के हम लोग भी चुप थे कि काम करने के लिए कुछ अवसर मिलना चाहिए, इस कारण सरकार के खिलाफ कोई आंदोलन भी नहीं चलाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास अवसर था लेकिन उन्होंने इस मौके को पार्टी के दबाव में गंवा दिया।

गहलोत ने कहा कि प्रशासनिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए नये जिले बनाए गए थे और समय के साथ राजस्थान में नए जिलों की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि अगर जिलों में प्रशासन मजबूत होता है तो इसका फायदा जनता को मिलता है।

उन्होंने कहा कि अगर नये जिले बनाने का निर्णय गलत था तो सरकार आते ही इसे खत्म कर दिया जाता ऐसा करने में एक साल क्यों लगाया।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page