Share
जयपुर। जी.एस.टी. में करदाता द्वारा करों का भुगतान आगामी माह की 20 तारीख तक किया जाना आवश्यक होगा। भुगतान करने की नियत तिथि के बाद देय कर राशि को ब्याज सहित चुकाना होगा।
शासन सचिव वित्त राजस्व प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पंजीकृत करदाता को जी.एस.टी.एन. पोर्टल www.gst.gov.in पर लॉगिन कर चालान में देय कर भुगतान राशि का विवरण भरना होगा। इस विवरण को भविष्य में अपडेट या अमेंड करने के लिए जी.एस.टी.एन. पोर्टल पर सात दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
 गुप्ता ने बताया कि एक बार चालान को अंतिम रूप दिए जाने के बाद चालान आइडेन्टिफिकेशन नम्बर (सीपीआईएन) जारी हो जायेगा। इसके बाद चालान में परिवर्तन संभव नहीं होगा। सीपीआईएन जारी होने के बाद चालान 15 दिनों के लिए वैध होगा। इस अवधि में भुगतान नहीं करने पर उसे सिस्टम से अपने आप हटा दिया जायेगा। हालांकि, करदाता अपनी सुविधा के लिए एक और चालान उत्पन्न कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के लिए कर का भुगतान सीपीआईएन जनरेट होने के बाद निर्धारित तरीकों से किया जा सकता हैं। यह भुगतान अधिकृत बैंकों के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग द्वारा अथवा डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड द्वारा किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड से भुगतान के लिए जी.एस.टी.एन. के आम पोर्टल पर क्रेडिट कार्ड का पूर्व पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। यह भुगतान किसी भी बैंक से नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) या रियल टाईम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) द्वारा भी किया जा सकता है। नकदी, चैेक या डिमांड ड्राफ्ट से प्रति चालान दस हजार रुपये तक की राशि अधिकृत बैंकों के माध्यम से काउंटर पर पेमेन्ट के द्वारा भी जमा की जा सकती है। चैक या डिमांड ड्राफ्ट से सरकारी खाते में राशि जमा करने की तारीख सरकार के खाते में वास्तविक जमा की तारीख को माना जायेगा।
गुप्ता ने बताया कि जी.एस.टी. में रजिट्रेशन एवं भुगतान की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए जी.एस.टी. पोर्टल पर विडियो लिंक दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत शुरूआती दौर में करदाताओं के लिये सरलीकृत रिटर्न जीएसटीआर-3बी भरने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह सुविधा जुलाई 2017 एवं अगस्त 2017 में की गई सप्लाई के सम्बन्ध में दी गयी है। व्यापारी जुलाई 2017 की रिटर्न जीएसटीआर-3बी 5 अगस्त से जी.एस.टी.एन. पोर्टल पर भर सकते हैं एवं इसे भरने की अंतिम तारीख 20 अगस्त 2017 निर्धारित की गयी है।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page