इक्कीस मे प्रतिभाओं का सम्मान
श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान का अगाध स्त्रोत
लूणकरणसर,।श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान का अगाध स्त्रोत है यह जीवन को सही ढंग से जीने की कला सिखाने वाला ग्रंथ है, जिसका अध्ययन और मनन हर भारतीय का कर्तव्य है यह उद्गार डॉक्टर हरिमोहन सारस्वत ने व्यक्त किए। सारस्वत सोमवार को लूणकरणसर उपखण्ड के गोपल्याण में स्थित इक्कीस एकेडमी फॉर एक्सीलेंस में गीता प्रतियोगिता के विजेताओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गीता के अध्ययन से व्यक्ति के व्यक्तित्व का परिष्कार होता है। कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए संस्था प्रधान युवा साहित्यकार राजूराम बिजारणियां ने कहा कि श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन व्यक्ति को वैचारिक समृद्धि प्रदान करता है, जिसकी परिणति उसके कर्मों में परिलक्षित होती है। संस्थान की अध्यक्ष आशा शर्मा ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति का विकास विद्यालय जीवन में होना आवश्यक है, इससे विद्यार्थी का दृष्टिकोण व्यापक होता है कार्यक्रम में शिक्षक कृष्ण कुमार गोदारा, शक्ति कुमार, अरविंद कुमार, जयश्री सारस्वत, स्वाति शर्मा, दीपिका, पूजा आदि ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जयन्ति भी उत्साह पूर्वक मनाई गई।