अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि प्लास्टिक नोट की औसत आयु पांच वर्ष है और इसकी नकल करना कठिन है।
प्लास्टिक से तैयार नोट पेपर नोट के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ होते हैं।
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 10 रुपए के प्लास्टिक नोट के फील्ड ट्रायल करने के लिए अधिकृत किया गया है, जो ज्यादा समय तक चलेंगे। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि देश में सरकार ने पांच जगहों पर प्लास्टिक बैंक नोट्स का फील्ड ट्रायल करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक सब्सट्रैट खरीदे जाने की मंजूरी दे दी गई है और रिजर्व बैंक को 10 रुपए के प्लास्टिक नोट को छापने की मंजूरी दिए जाने के संदर्भ में बता दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉटन सब्सट्रैट बैंक नोट्स के मुकाबले प्लास्टिक नोट्स की जीवन अवधि ज्यादा होती है। भारतीय रिजर्व बैंक फील्ड ट्रायल के बाद प्लास्टिक करेंसी नोट को देशभर में लॉन्च करेगा। सरकार ने सबसे पहली बार फरवरी 2014 में 10 रुपए मूल्य के प्लास्टिक नोट को फील्ड ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी। ट्रायल के लिए भौगोलिक और जलवायु विविधता के आधार पर पांच शहरों का चयन किया गया था। फील्ड ट्रायल के लिए चुने गए शहर कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वनर थे। आपको बता दें कि नकली मुद्रा को रोकने के लिए इस तरह के नोट सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च किए गए थे।