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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com,      जोधपुर। राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर बैचं जोधपुर ने भू जल विभाग जोधपुर में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत कैलाश बिहारी भटट् को वर्ष 2018-2019 की रिक्तियो के विरूद्व प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान करने का आदेश पारित किया।

 

 

 

प्रार्थी कैलाश बिहारी भटट् जो सेवानिवृति से पूर्व जब सहायक प्रशासानिक अधिकारी के पद पर वर्ष 2017 मे कार्यरत थे तब उनको विभाग द्वारा दिनांक 31.03.2017 के आदेश से एक परिनिन्दा के दण्ड से दण्डित किया गया था। परिनिन्दा के दण्ड के कारण, विभाग द्वारा वर्ष 2016-2017 की रिक्तियो के विरूद्व सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद से अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर जो अन्य कार्मिको को पदोन्नति प्रदान की गयी उसमें उसे इसी दण्ड के कारण से सम्मिलित नही किया गया।

 

 

 

एक वर्ष पश्चात यानि वर्ष 2017-2018 में विभाग द्वारा उसे अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गयी। अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद पर उसे दिनांक 2 जुलाई 2018 को भटट् ने कार्यग्रहण कर लिया।

 

 

 

सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण के पश्चात उसके विरूद्व कोई विभागीय कार्यवाही या दण्ड प्रदान नही करने के उपरांत भी प्रार्थी से कनिष्ठ व्यक्तियो को प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गयी मगर प्रार्थी को प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान नही की गयी।

 

 

 

पदौन्नति प्रदान नही करने पर प्रार्थी ने विभाग के समक्ष कई अभ्यावेदन प्रस्तुत किये लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी। दिनंाक 31.03.2020 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने पर, उसे अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद से ही सेवानिवृत कर दिया गया। सेवानिवृति पश्चात उसने विभाग को पुनः अभ्यावदेन प्रस्तुत कर निवेदन किया उसे अपने से कनिष्ठ कर्मचारी को जब से प्रशासनिक अधिकारी बनया है तभी से मुझे भी प्रशासनिक अधिकारी बनाया जाये।

 

 

 

विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही करने पर भटट् ने माननीय अधिकरण के समक्ष अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक अपील प्रस्तुत की। उसके अधिवक्ता का माननीय अधिकरण के समक्ष यह तर्क था कि प्रथमतयाः प्रार्थी का जो 31/03/2017 को परिनिन्दा के दण्ड से दण्डित किया गया। उसके कारण एक बार पदोन्नति से बाहर किया जा चुका है व अतिरिक्त प्रशसनिक अधिकारी बनने के पश्चात उसे किसी प्रकार के दण्ड से दण्डित नही किया गया व ना ही कोई आरोप पत्र (चार्जशीट) दिया गया इसके बावजूद भी उसे प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदौन्नति नही देना विधि विरूद्व है क्योकि उससे कनिष्ठ कार्मिको को वर्ष 2018-19 की रिक्तियो के विरूद्व पदौन्नति दी जा चुकी है।

 

 

 

प्रार्थी के अधिवक्ता का दूसरा तर्क यह था कि- एक बार के दण्ड से एक बार ही पदोन्नति से बाहर रखा जा सकता है ना कि प्रत्येक बार क्योकि उसे लघु प्रकृति का ही दण्ड दिया गया था। भू-जल विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया गया कि प्रार्थी को 2017 परिनिन्दा के दण्ड के कारण ही प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदौन्नति प्रदान नही की गयी।

 

 

 

प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए अधिकरण ने प्रार्थी को उससे कनिष्ठ अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को जिस दिन प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयी उसी दिन से प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति देने का आदेश पारित किया गया व यह भी व्यवस्था दी की एक बार लघु प्रकृति का दण्ड देने पर एक बार ही पदोन्नति से बाहर किया जा सकता है ना कि बार बार।

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