वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें पार्टी ने कहा था कि चुनाव ने सरकार को 200 वस्तुओं के जीएसटी दरों में कटौती करने को मजबूर कर दिया। जेटली ने कहा कि जीएसटी की दरों में कटौती के लिए तीन-चार महीने से काम चल रहा था। इसे किसी चुनाव या राजनीतिक मजबूरी से जोड़कर देखना ‘बचकानी राजनीति’ है।
सभी करों को एक स्लैब में करने की राहुल गांधी की मांग को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि आगे भी कर में कटौती की गुंजाइश है। लेकिन इसका फैसला वित्त विभाग और जीएसटी परिषद करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि फिटमेंट कमेटी के सुझाव पर जीएसटी काउंसिल ने वस्तुओं के कर में कटौती का फैसला लिया था। यह पूरी तरह जीएसटी काउंसिल का सर्वसम्मत फैसला था।