जयपुर hellobikaner.com प्रदेश के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा भी वितरित किया जायेगा। लाभार्थियों को कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में फ्लोर मीलों से आटा तैयार कर गेहूं के स्थान पर आटे का वितरण अथवा उनकी पात्रतानुसार गेहूं देते हुए क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों (मोबाईल फ्लोर मिल्स) की व्यवस्था कर कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों को पास जारी करते हुए बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिये जाने का विकल्प रहेगा। इस दौरान कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों की पालना किया जाना जरूरी होगा।
खाद्य मंत्री ने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जायेगी। लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार देय गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आटे का वितरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाये तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जायेगा।
मीना ने बताया कि आटा मिलों से उचित मूल्य की दुकानों पर आटा पहुंचाने के बाद लाभार्थियों को वितरण करने से पहले पॉस मशीन में इन्द्राज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गेहूं के बदले छीजत के बाद बनने वाले आटे की मात्रा के आधार पर गेहूं की पिसाई, पैकिंग एवं समस्त परिवहन लोडिंग अनलोडिंग व्यय का वहन तरल कोष से किया जायेगा।
कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर की आटा मिलों एवं चक्कियां खुली रहेंगी