सादुलपुर hellobikaner.com (मदनमोहन आचार्य): तारानगर के नव निर्मित भवन के तारानगर सिविल न्यायालय द्वारा पारीत आदेश पर जोधपुर हाईकोर्ट ने 03 सितम्बर 2020 को स्टे दे दिया है। दिनांक 22 जुलाई 2020 को तारानगर न्यायालय सिविल न्यायाधीश हर्ष कुमार ने 29 सितम्बर 2017 को डेढ करोड़ की लागत से बना पालिका भवन के निर्माण को हटाने का फैसला सुनाया था।
फैसले में सिविल न्यायाधीष हर्ष कुमार ने सहायक अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग को मूलवाद संख्या 19/2011 में पारित डिक्री दिनांक 23.05.2015 की अवहेलना एवं उल्लंघन करने पर नगर पालिका भवन, दुकाने, सभा भवन, अधिषाषी अधिकारी का क्वार्टर के निर्माण को हटाने के आदेश दिये थे। उक्त फैसले के खिलाफ निवर्तमान पालिका अध्यक्ष सरला जांगिड़ ने हाईकोर्ट में चुन्नौती दी जहां पर उक्त फैसले पर न्यायाधीष अरूण भंसाली उच्च न्यायालय जोधपुर ने उक्त मामले पर स्टे के आदेश जारी कर दिये।
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क्या है विवाद:- सिविल कोर्ट तारानगर में उक्त मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता रतन कुमार चाचान ने बताया कि 2011 मे तात्कालिक पालिका प्रषासन ने गॉंधी उद्यान की जमीन को बेचने का निर्णय लिया था उसके खिलाफ तारानगर सिविल न्यायालय में एक वाद संख्या 19/2011 पप्पू सोनी आदी बनाम नगर पालिका दायर किया गया था जिसमें 23 मार्च 2015 को मान्नीय न्यायालय ने अपने निर्णय में स्पष्ट आदेष दिये थे कि उक्त पार्क की भूमि के स्वरूप में किसी भी प्रकार का परिवर्तन ना किया जाये।
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तारानगर नगर पालिका प्रशासन ने उक्त फैसले के खिलाफ अपील ना करने से मामला ज्यादा बिगड़ गया। पालिका अध्यक्ष सरला देवी जांगिड़ व वित समिति अध्यक्ष राकेश जांगिड़ ने भामाशाहो को तैयार कर व राज्य सरकार से राशी स्वीकृत करवा करीब डेढ करोड़ का नया भवन उक्त जगह पर खड़ा कर दिया । मामला यहीं पर विवादित हो गया । वाद संख्या 19/2011 में जहां तारानगर सिविल न्यायालय ने फैसला दिया उक्त भूमी के स्वरूप में परिवर्तित नहीं करना है जबकि वहां पर एक आलिशान भवन बन गया, जिस पर पूर्व कार्यवाहक पालिका चैयरमैन पप्पू सोनी ने एक मामला सिविल न्यायालय तारानगर में और दायर कर दिया जिस का फैसला 22 जुलाई 2020 को आया कि उक्त भवन बनाने में न्यायालय के वाद संख्या 19/2011 फैसला दिनांक 23.05.2015 की अवहेलना हुई है और भवन को गिराया जाय।