जयपुर। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने सोमवार को राज्य विधानसभा में बताया कि राज्य में अब नये उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक किसी तरह की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी।
उद्योग मंत्री प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग में किसी भी तरह की आपत्ति और अनापत्ति का रिकार्ड नहीं रखा जाता हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में नया उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा नया विधेयक लाया गया जिसके तहत उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक किसी भी तरह की स्वीकृति की आवश्यकता नही रहेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो पुराने उद्योग लगे हुए है, उनका कन्वर्जन होता है और एक भी ऎसा उद्योग नहीं है जो बिना किसी कन्वर्जन के स्थापित हो। उन्होंने बताया कि कन्वर्जन की सारी प्रक्रिया सम्बन्धित जिला कलक्टर के स्तर पर सम्पादित की जाती है।
मीना ने स्वीकार किया कि जोधपुर शहर के आबादी क्षेत्र में पत्थरों की कटिंग के लिए छोटे कटर लगे हुए है और यह कटर पानी के द्वारा चलते है जिसमें पर्यावरण दूषित होने की बहुत कम संभावना रहती है। उन्होंने जोधपुर शहर के आस-पास उद्योगों से निकलने वाले कचरे (कटिंग) को चरागाह क्षेत्र में डालने के सम्बन्ध में कहा कि इसकी जानकारी ली जाएगी और उसको निस्तारण की समुचित व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने इन उद्योगों से पर्यावरण दूषित होने के सम्बन्ध में कहा कि इसकी निगरानी पर्यावरण बोर्ड द्वारा की जाती है।
इससे पहले विधायक पब्बाराम के मूल प्रश्न के जवाब में मीना ने बताया कि उद्योग विभाग की ओर से ऎसे दिशा निर्देश, शर्ते तथा नियम जारी किये हुए नहीं हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर जिले में 590 स्टोन कटर उद्योग स्थापित हैं। इनकी आबादी से दूरी बाबत सूचना का संधारण नहीं किया जाता हैं। उन्होंने इकाइयों की सूची सदन के पटल पर रखी।