भारतीय वायु सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के जिस कैंप को निशाना बनाया वो ख़ैबर-पख़्तूनख़्वाह प्रांत में है ना कि नियंत्रण रेखा के नज़दीक. “लड़ाकू मिराज 2000 विमानों ने ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में जंगल में बने जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया है”.
पहले इस बात को लेकर भ्रम था कि हमला पुंछ के नज़दीक बालाकोट नाम की जगह पर हुआ है, या फिर ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में हुआ है.
जिस बालाकोट पर हमला किया गया है वह पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के आगे केपीके प्रांत का हिस्सा है जो मानशेरा ज़िले में है.
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद हर किसी को बस इस बात का इंतजार था कि क्या केंद्र सरकार और सेना इस हमले का बदला लेगी? 12 दिन बाद 26 फरवरी को जब लोग सुबह उठे तो उन्हें गुड न्यूज मिल चुकी थी। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट एलओसी पार करके बालाकोट में दाखिल हुए और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप्स पर हमला किया। एक बार फिर से जानिए जब आप गहरी नींद में थे तो पाकिस्तान में घुसकर इंडियन एयरफोर्स कैसे दुश्मन को जवाब दे रही थी।
इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के फाइटर जेट्स की तरफ से खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में हमले की खबरों ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी।
भारत सरकार का कहना है कि उन्हें ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद के चरमपंथी भारत में कई जगहों पर आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहे थे जिसके बाद नियंत्रण रेखा पार कर कार्रवाई का फ़ैसला किया गया.
अब तक की मुख्य बातेंः
- सबसे पहले पाकिस्तानी सेना ने ट्वीट कर दावा किया कि भारतीय विमानों ने नियंत्रण रेखा को पार किया.
- पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ़ूर ने दावा किया कि उनकी जवाबी कार्रवाई के बाद वो भाग निकले और जाते हुए बालाकोट के पास कुछ पेलोड गिरा गए.
- कुछ घंटे बाद भारत की ओर से विदेश सचिव विजय गोखले ने अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि मंगलवार तड़के भारतीय विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया.
- विदेश सचिव ने बताया कि भारत को देश के कई हिस्सों में आत्मघाती हमले की तैयारी की सूचना मिली थी जिसके बाद नियंत्रण रेखा पार कर हमले करना ज़रूरी हो गया.
ऐसे LoC के दूसरी ओर पहुँचे विमान
वायुसेना के अधिकारियों ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार तड़के अंबाला से कई मिराज विमान उड़े और बिना अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन किए, निश्चित लक्ष्यों पर बम बरसाए.