महाशिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना का मुख्य त्योहार माना जाता है। शिव को महाशिवरात्रि बहुत प्रिय है। शिवपुराण के ईशान संहिता के अनुसार, इस दिन ही शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले रूप में अवतरित हुए थे। मान्यता है कि इसी दिन उनका और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था। शिव का आर्शीवाद पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। महाशिवरात्रि पर व्रत रखने का एक अलग ही महत्व है। आज हम आपको पावन महाशिवरात्रि पर्व के व्रत और उसमें किए जाने वाले विशेष भोजन से जुड़ी खास बातों के बारे में बताएंगे।
इस व्रत को सभी नर-नारी रख सकते हैं। कहा जाता है कि भोलनाथ जैसे वर की चाह में कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं। माना जाता है कि उन्हें बहुत अच्छा वर मिलता है। सुहागिन स्त्रियां भी शिवरात्रि के दिन व्रत रखती हैं। ऐसा करने से उनके पति का जीवन और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा बना रहता है।
मान्यता है कि जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है। इस व्रत के करने मात्र से ही सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन जहां- जहां भी शिवलिंग स्थापित है, उस स्थान पर भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है। इसलिए शिव की पूजा के साथ शिवलिंग की भी विशेष आराधना करने की परंपरा है। शिव अपने भक्तों को सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं। महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है। अगले दिन तिल, जौ और खीर आदि का दान देकर व्रत को समाप्त किया जाना चाहिए। जिससे महाशिवरात्रि के व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
इस प्रकार करनी चाहिए पूजा
प्रात:काल स्नान करके शिवलिंग पर दूध, दही, जल, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा और बेर आदि चढ़ाए जाने का रिवाज है। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, धूप-दीप जलाकर मंत्र का जाप करने से जीवन की हर समस्?या का समाधान हो जाता है। दिन के चारों पहर में पूजा करनी चाहिए। शिवस्तुति, शिवस्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए। सांयंकाल के वक्त भगवान की आरती करनी चाहिए।
व्रत के दौरान क्या आहार लेना चाहिए
व्रत में विशेष भोजन किया जाता है। व्रत के समय संभव हो तो जूस का सेवन करना चाहिए, इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। शरीर दैनिक कार्यों को करने में सक्षम रहता है। सुबह के समय फलाहार करना चाहिए। फलाहार में संतरा, खीरा, पपीता, सेब आदि फल ले सकते हैं। महाशिवरात्रि के व्रत में भी सात्विक भोजन खाना चाहिए। अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो तो बिना नमक के भी यह व्रत किया जा सकता है। वरना सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है। इसलिए इसका प्रयोग कर सकते हैं। इस व्रत में काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं। कुछ लोग इस व्रत में मूंगफली नहीं खाते, लेकिन यह आपके ऊपर है आप चाहे तो मूंगफली खा सकते हैं अथवा नहीं। इस व्रत में मीठा भी खा सकते हैं। किसी फल की खीर जैसे गाजर या लौकी की खीर भी खाई जा सकती है।
मखाना खाने से मिलता है लाभ
महाशिवरात्रि के व्रत में मखाना खा सकते हैं। इसका इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं। कई लोग दूध के साथ खीर बनाकर खा सकते हैं। कुछ लोग घी के साथ फ्राई करके सूखा खाते हैं। चूंकि मखाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होते हैं।
कुट्टू के आटे से बना भोजन
व्रत में अगर कुछ नमकीन खाना हो तो सिंघाड़े या कुट्टू के आटे की पकौड़ी भी खाई जा सकती है इनकी पूरियां भी बना सकते हैं। कुट्टू के आटे से बने भोजन से शीघ्र ऊर्जा मिलती है, सेहत से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।
सिंघाड़ा भी होता है फायदेमंद
सिंघाड़े के आटे से बने भोजन से मैंगनीज भी मिलता है जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। शरीर को प्रचुर मात्रा में फाइबर मिलते हैं जो व्रत के दौरान मददगार होते हैं।
इस तरह खा सकते हैं आलू
व्रत में आलू भी खाया जाता है। मीठे में आलू को उबालकर उसका हलवा भी खा सकते हैं। इसके अलावा आलू को फ्राई करके खाया जा सकता है। पूरे दिन खाली पेट रहने पर शरीर में ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
साबूदाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
इस दिन साबूदाना भी खा सकते हैं। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, साथ ही कैल्शियम व विटामिन सी भी होता है। यह सभी शरीर के लिए आवश्यक तत्व हैं। साबुदाने के पापड़, खीर, पकौड़े, खिचड़ी आदि बनाकर खा सकते हैं। साबूदाना पाचन से जुड़ी समस्याओं में भी लाभदायक है।
ठंडाई देती है दोगुना लाभ
इस व्रत के आते आते मौसम में हल्का फुल्की गर्मी भी आ जाती है तो ठंडाई भी पी जा सकती है। कुछ लोग तो शिवरात्रि के दिन प्रसाद स्वरूप ठंडाई में भांग मिलाकर भी पीते हैं। शिवजी को भी भांग अत्यंत प्रिय होती है, लेकिन बिना भांग के भी व्रत में ठंडाई पी जा सकती है दूध से बनी ठंडाई में कैल्शियम और प्रोटीन मिलता है। यह पेट के लिए भी अच्छी होती है। इसके सेवन से व्रत के दौरान खाए गए तले भुने भोजन से हानि भी नहीं होती है। शरीर में ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है।