बीकानेर hellobikaner.com आज विधानसभा में लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने कृषि विधेयक बिल पर बोले जिसमें उन्होंने कहा कि माननीय नरेंद्र मोदी द्वारा जो किसानों के हित में बिल 17 सितंबर 2020 को लोकसभा में व 20 सितंबर 2020 को राज्यसभा में पारित किया गया था उस बिल ने किसानों के लिए नए द्वार खोले दिए है।
राजस्थान में सत्ता पक्ष द्वारा विरोध करना कांग्रेस की शैली बन चुकी है। चाहे वह कोई भी जन हितेषी बात हो या कृषि हितेषी बात हो, केंद्र सरकार द्वारा कई जन हितेषी बिल लाए गए उनका विरोध करना ही कांग्रेस का कार्य रह गया है इसी तरह कृषि विधेयक बिल पर भी विरोध करना सत्ता पक्ष द्वारा निंदनीय कार्य है।
9 अप्रैल 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एग्रीकल्चर सबमिट में दिल्ली में जब इसी कृषि उत्पादों को मार्केट में लाने के लिए बोले तथा राजस्थान सरकार के घोषणा पत्र में पेज नंबर 17 बिंदु क्रमांक 11 में कांग्रेस कहती है कि कृषि उपज मंडी की समितियो में वह संशोधन करेगी तो अब कृषि विभाग बिल का विरोध क्यों।
यूपीए 10 साल में रहे तब कांग्रेस ने क्या किया वर्तमान में 6 सालों में नरेंद्र मोदी की सरकार ने एमएसपी से पिछले सालों की तुलना में डेढ़ गुणा जिंसों के भाव बढ़े हैं। कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में कृषि बजट 12 हज़ार करोड रुपए था वह वर्तमान में नरेंद्र मोदी जी की सरकार में वही बजट 134000 किसानों के लिए pmkyc योजना में किसानों को फायदा मिला है। किसान सम्मान निधि योजना में मे92 हजार करोड रुपए सीधे किसानों के खातों में पैसा गया है ये किसानों के हित की बात है।
किसानों के लिए काम सदैव भारतीय जनता पार्टी ने किया है चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार हो या राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत की सरकार हो इसका उदाहरण केसीसी की योजना है जो अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा लागू करना है जिससे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा आज तक मिल रहा है। गांव में केसीसी द्वारा किसानों के लिए बैंक के द्वार भाजपा सरकार ने ही खोले। चाहे वह प्रधानमंत्री सड़क योजना हो या अन्य कोई योजना जिससे गांव व शहर में किसानो व आमजन को फायदा मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केसीसी योजना में पहले जो पूरे पैसे भरने पड़ते थे अब केवल ब्याज भरना पड़ता है जिससे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा मिला है। 86 प्रतिशत किसानों के 2 हेक्टेयर से कम भूमि है जिससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों को फायदा मिलेगा। जिस तरह गांव में पहले कुछ ही डेअरिया थी और अब प्राइवेट डेअरियो के आ जाने से किसानों को और पशुपालकों को फायदा मिला है उसी तरीके से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से भी किसानों को फायदा मिलेगा।