Share
बीकानेर hellobikaner.in विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर प्रज्ञालय संस्थान द्वारा एक परिसंवाद का आयोजन नत्थूसर गेट बाहर स्थित सृजन सदन में रखा गया है। परिसंवाद का विषय ‘पुस्तक संस्कृति और बालकों की भूमिका’ था।
परिसंवाद के विषय पर बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि बाल मन कुछ न कुछ पढना चाहता है। इसके लिए अध्यापक स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों की साझा जिम्मेदारी बनती है कि बालक की रूचि के अनुसार उसे पढने योग्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए साथ ही अध्ययन के प्रति एक वातावरण बनाया जाए। जिससे वर्तमान दौर में जहां पुस्तक अध्ययन के प्रति रूझान में कमी आयी है उस बाबत सकारात्मक परिणाम सामने आ सके, क्योंकि पुस्तक हमारी दोस्त है, इसलिए में पुस्तक संस्कृति को हमें संजोए रखना है।
परिसंवाद में सक्रिय भाग लेते हुए बालकों ने अनेक जिज्ञासा रखते हुए बाल साहित्य के प्रति पढने की रूचि बताई साथ ही कहा कि स्कूल परिसर में स्थित समृद्ध पुस्तकालय से हमें अध्ययन के प्रति एवं पुस्तक के प्रति एक लगाव बनता है। परिसंवाद में करूणा क्लब के हरिनारायण आचार्य ने रोचक कथाओं के माध्यम से अपनी बात कहीं ।
युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने शाला प्रबंधक लक्ष्मीनारायण रंगा द्वारा रचित बाल साहित्य की कुछ बाल कविताओं एवं कहानियों का अंश वाचन किया। जिससे परिसवंाद में भाग ले रहे बालक-बालिकाओं ने एक सुधि श्रोता के रूप में सृजन आनंद लिया। परिसंवाद में नालन्दा परिवार के सदस्यों में सकारात्मक भूमिका निभाते हुए पुस्तक संस्कृति के संदर्भ में अपनी बात रखी।

अलवर के पूर्व जिला कलेक्टर गिरफ्तार, RAS  और दलाल 5 लाल की रिश्वत लेते गिरफ्तार

About The Author

Share

You cannot copy content of this page