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ख़बर सर्किल – राजेश के ओझा 

 

बीकानेर में कल तेलीवाड़ा-दाऊ जी रोड पर हुई चेन स्नेचिंग की घटना के बाद महिकाएं अपने आप को अगर असुरक्षित समझे तो गलत नहीं होगा। अपराधियों के होसले इतने बुलंद हो गए है की वो कभी भी किसी को अपना शिकार बना लेते है।

 

बीकानेर शहर की महिलाओं में अन्दर अब एक डर पैदा हो गया है की अकेले कही जाना सही नहीं है। कब-कौन-कोई क्या कर दे क्या पता? साफ़ कहें तो अब महिलाओं का राह चलना मुश्किल हो गया है। पता नहीं कब कोई चेहरे पर कपड़ा लपेटे बाइक पर आये और उनके गले में पहनी चेन झपटा मार कर ले जाए।

 

बीकानेर में ये पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चूका है लेकिन सवाल ये है की ऐसा कब तक चलेगा। शहर के सबसे व्यस्तम क्षेत्र में अगर कोई ऐसी वारदात को अंजाम दे जाता है तो उनके होसले और बुलंद हो जायेंगे।  ऐसी घटनाओं को रोकना बहुत जरुरी है।

 

कल पूरे दिन सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर लोग कमेंट कर रहे थे। लोगों का कहना है आपराधियो में पुलिस और प्रशासन का खोफ ख़त्म सा हो गया है खुलेआम बेखौफ अपराधी अपराध को अंजाम दे गया और सब देखते रह गए। कल की घटना वाला वीडियो देखने के बाद लग रहा है की अपराधी को पता था की वो सीसीटीवी कैमरे की नज़र में आ रहा है इसलिए वो अपना चेहरा कपड़े से लपेटे हुआ था।

 

 

सवाल ये भी है की अब तो कोरोना ख़त्म सा हो गया है लेकिन फिर भी कुछ लोग अपने चेहरे को पूरा कपड़े से ढंक कर चलते है। जिस कोरोना से बचने के लिए सरकार चेहरे पर मास्क या कपड़ा लगाने के लिए कह रही थी वो आपराधियों के लिए अब वरदान बन गया है। आम जनता के बीच पता ही नहीं चलता की किस ढके हुए चेहरे के पीछे कोई अपराधी छुपा है।

 

सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए अपराधी अपने चेहरे पर कपड़ा बांधकर अपराध को अंजाम दे जाते है। पुलिस को अब इनको बेनकाब करना होगा। कपड़ा लपेटे लोगों से पूछताछ करनी होगी, इनको रोककर इनकी पहचान करनी होगी। शहर की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आमजन को भी पुलिस का सहयोग करना होगा।

 

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