जयपुर. राजस्थान की राजनीति में अब बसपा नया मोड़ ले आई है। बसपा ने राजस्थान में अपने छह विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट देने को कहा है। पार्टी की तरफ से ये व्हिप अपने सभी छह विधायकों के नाम से जारी किया है। बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, इसको लेकर बसपा ने अपने विधायकों को सख्त निर्देश दिए हैं।
बसपा ने कानून का हवाला देते हुए कहा है कि बसपा एक नेशनल पार्टी है और अगर विधायक पार्टी की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें डिसक्वालिफाई करने की प्रकिया को आगे बढ़ाया जा सकता है। बसपा ने विधायकों को भेजे पत्र में नो कॉन्फिडेंस मोशन के दौरान गहलोत सरकार के खिलाफ वोट देने का निर्देश दिया है। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राज्यपाल और स्पीकर को भी पार्टी का पत्र भेजा है।
BSP issues whip to its 6 MLAs- R Gudha, Lakhan Singh, Deep Chand, JS Awana, Sandeep Kumar & Wajib Ali, who are elected to Rajasthan Assembly, directing them to vote against Congress in any "No Confidence Motion" or any proceedings to be held during Rajasthan Assembly Session. pic.twitter.com/wvbnZWslVQ
— ANI (@ANI) July 26, 2020
भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने कांग्रेस में विलय के लिए बसपा के छह विधायकों को अयोग्य ठहराने की उनकी याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दिलावर ने रविवार को एक बयान में कहा कि संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष बसपा विधायकों को अयोग्य करार किये जाने की याचिका 16 मार्च को प्रस्तुत की थी। उसके बाद 17 जुलाई को याचिका पर तुरंत कार्यवाही करने के लिये फिर से प्रार्थना की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।
बसपा के छह विधायकों संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुढ ने 2018 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। सभी विधायक सितम्बर 2019 में बसपा छोडकर कांग्रेस में शामिल हो गये थे। दिलावर ने कहा, ”मैं आश्चर्यचकित हूँ कि बसपा के छह विधायकों के विरुद्ध दलविरोधी गतिविधियों की याचिका को मुझे बिना सुने, बिना नोटिस दिये निरस्त कर दिया। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के 19 सदस्यों के विरूद्ध प्रस्तुत दल विरोधी याचिका जिस दिन 14 जुलाई को प्रस्तुत हुई उसी दिन रात्रि में ही विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस जारी करके 17 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा।”
दिलावर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के सदस्य व कांग्रेस पार्टी के सदस्य दोनों के विरुद्ध याचिका संविधान की दसवीं सूची अनुसार अयोग्य करार देने के लिये अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की गयी थी। जिस पर समानरूप में समयबद्ध कार्यवाही अपेक्षित थी, परन्तु समान रूप से कार्यवाही हुई नहीं। दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में शुक्रवार को याचिका दायर करके बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द करने का अनुरोध किया। मदन दिलावर द्वारा दायर इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की ”निष्क्रियता” को भी चुनौती दी गई है जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।