जयपुर । प्रदेश में खासकर जालौर, सिरोही, पाली एवं बाड़मेर जिलों मेें बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर एक बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव श्री अशोक जैन सहित सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्यमंंत्री ने इस बैठक में साफ-साफ निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाई जाये। इसमें कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले को बख्शा नहीं जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्रीमती राजे शनिवार को जयपुर से बाढग्रस्त इलाके में जाने के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना हुई थी लेकिन मौसम खराब होने के कारण वे जालोर नहीं उतर सकी। उन्होंने हवाई सर्वे जरूर किया। इसके बाद जयपुर पहुंचते ही उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली और कहा कि संकट और प्राकृतिक आपदा की घड़ी में सरकार हर पल वहां के लोगों के साथ खडी है। हर सम्भव मदद करने को तैयार है। बाढ की सम्भावना के साथ ही तुरन्त प्रभाव से प्रभारी मंत्रियों और अधिकारियों को प्रभावित जिलों में भेजा गया, जो निरन्तर 24-25 जुलाई से राहत गतिविधियों के संचालन का जायजा एवं स्थिति को नियत्रंण में रखे हुए है।
किसानों का शॉर्ट टर्म लोन मीडियम में बदला जायेगा
राजस्व विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। इन इलाकों में 2.95 लाख किसानों के 1310 करोड़ रूपये के शॉर्ट टर्म लोन को मिडियम टर्म लोन में परिवर्तित किया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार 196.05 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि व्यय करेगी, जिसे भारत सरकार को राहत कार्याें में सहायता के लिए भेजे जा रहे अंतरिम ज्ञापन में शामिल किया गया है।
अब तक 11 हजार लोगों को सुरक्षित पहुंचाया
इससे पूर्व 26 जुलाई को मुख्यमंत्री ने विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की थी तथा जिला कलक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। अब तक 11 हजार से अधिक व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। जिसमें 42 लोगों की जाने वायु सेना के हेलिकॉप्टर के माध्यम से बचायी गई है। इसके अलावा 1107 लोगों की जान हेलीकॉप्टर के माध्यम से बचाई गई है।
हेलीकॉप्टर और आर्मी सहित राहत टीमें अलर्ट
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी दी कि जालौर के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, आर्मी की तीन टीमें, एसडीआरफ की एक टीम तथा दो हेलीकॉप्टर राहत कार्याें के लिए उपलब्ध हैं। इसी प्रकार, पाली के लिए एनडीआरएफ की एक टीम तथा एसडीआरफ की एक टीम तथा 24 होमगार्ड सहित आर्मी की एक टीम उपलब्ध है। इसके अलावा, सिरोही और जालौर के लिए गाजियाबाद से एनडीआरएफ की दो अतिरिक्त टीमें दिनांक 24 जुलाई से ही उपलब्ध करायी गई है। विभाग के अधिकारियों ने एनडीआरएफ मुख्यालय दिल्ली से बात कर चैन्नई से भी अतिरिक्त राहत बचाव दलों की मांग की है। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर कोटा, उदयपुर, जालौर, सिरोही, तथा अन्य जिलों में त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य करने के लिए 6 हेलीकॉप्टर तथा सेना के कॉलम को अलर्ट रखा गया है।
जनहानि के लिए आपदा प्रबंधन ने दिया मुआवजा
बाढ़ प्रभावित तीनों जिलों में 20 राहत कैम्प स्थापित किये गये हैं, जिनमें 556 लोगों को राहत प्रदान की गई है। कुल 1107 व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। बैठक में बताया गया कि प्रभावित जिलों में 16 व्यक्तियों कीे मृत्यु हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस जनहानि के लिए 64 लाख रुपये से अधिक की राशि मुआवजे के रूप में दी गई है। अकेले जालौर जिले में पशुधन संरक्षण के लिए 19 करोड़ रूपये की राहत दी जा चुकी है।
खाने के पैकेट और आवश्यक सामग्री का स्टॉक आरक्षित
बैठक में बताया गया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने समस्त उचित मूल्य दुकानों पर खा़द्यान्न व केरोसीन का आरक्षित स्टॉक रखा है। इसके अतिरिक्त पैट्रोल डीजल का आरक्षित स्टॉक तथा घरेलू गैस की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विभाग द्वारा पाली जिले में 7000, जालौर में 2200, सिरोही में 17000 तैयार भोजन के पैकेट तथा 4000 सूखे भोजन के पैकेट व बाड़मेर में 2000 पैकेट व 1000 लोगों को खाने की व्यवस्था की जा रही है।
12 हजार पशुधन का इलाज
इस दौरान 12,223 बीमार पशुधन का इलाज किया जा चुका है तथा 6164 का टीकाकरण किया गया है। जालौर जिले में पथमेड़ा गौशाला के लिए 13, महावीर हनुमान गौशाला के लिए 13 और ठाकुर गौशाला के लिए 5 पशु चिकित्सक तथा पैरा वेटेनरी स्टाफ को तैनात किया गया है। 1.89 करोड़ की दवाईयां प्रभावित क्षेत्रों में भिजवायी गई है तथा अतिरिक्त आवश्यकता हेतु प्रत्येक जिले को 5 लाख रूपये की राशि दी गई है। प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त मोबाइल टीमों को भेजा गया है। गौपालन विभाग द्वारा जालौर, सिरोही तथा पाली जिले की 196 गौशालाओं को गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि से 21.24 करोड़ रूपये स्वीकृत एवं वितरित किये जा चुके हैं। जालौर जिले की श्रीगोपाल गोवर्धन गौशाला, पथमेड़ा तथा महावीर हनुमान गौशाला, गोलासन में संधारित 14,778 गौवंश के लिए 5.03 करोड़ रूपये की सहायता हाल ही में दी गई है।
चिकित्सकों के अवकाश निरस्त
सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्याें के लिए चिकित्सकों एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिये गये हैं। कुल 150 मेडिकल टीमों के साथ-साथ वेटनरी टीमों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। जिला कलक्टर, जालौर की मांग पर 20 मैट्रिक टन पशु आहार राजफैड़ द्वारा रवाना कर दिया गया है।
पेयजल की व्यवस्था के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने प्रभावित 15 में से 13 कस्बों में सेवाएं बहाल कर दी है तथा ग्रामीण क्षेत्र के 873 अन्य प्रभावित रिहायशी इलाकों में से 75 को फिर से सुचारू किया गया है। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए 180 अभियंता एवं 2175 तकनीकी स्टाफ तैनात किया गया है। अब तक 1111 खम्भे एवं 207 ट्रांसफार्मर तथा 56 किलोमीटर बिजली की लाइन दुरूस्त की जा चुकी है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार अतिवृष्टि से जिलों में 212 स्थानों बांधों एवं नहरों आदि पर नुकसान हुआ है। नर्मदा मुख्य नहर भी 25 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई है, जिनके मरम्मत एवं पुर्नरूद्धार का कार्य चालू किया जा चुका है। इन कार्याें के लिए मेन पावर सहित पर्याप्त संसाधन जुटाए गये हैं। मरम्मत कार्याें पर लगभग 260 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने भी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अपने स्तर पर कर्मचारियों की सेवाएं लेने के लिए जिला कलक्टरों को अधिकृत कर दिया है। अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मकानों के कार्य भी त्वरित गति से करने के निर्देश दिए गए हैं।