सिरसा। एक वक्त था जब हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा की अपनी करेंसी भारतीय मुद्रा के बराबर चलती थी, अब इस करेंसी से बच्चे खेेलते हैं। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायाल द्वारा डेरा की संपत्ति एवं काले और सफेद धन की जांच प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को सौंपने के साथ ही डेरा की यह प्लास्टिक करेंसी रोड़ पर आ गयी है। डेरा सच्चा सौदा ने अपने स्तर पर प्लास्टिक के 10 रुपये से एक रुपये तक सिक्के तैयार किए थे। इन सिक्कों का चलन डेरा सच्चा सौदा के प्रॉडक्ट के देशभर में बने व्यापार केद्रों पर आम होता था। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा में बनी मार्केट सिनेमा हॉल एवं स्कूलों में तो इसका चलन आम बात थी। डेरा में बने विभिन्न प्रतिष्ठानों पर दुकानदार बिक्री इन्हीं करेंसी के आधार पर करते थे। इन प्रतिष्ठानों पर डेरा प्रबंधन ने अपने स्तर पर कैश काउंटर स्थापित किए थे। कोई सामान खरीदने से पहले इन काउंटर से प्लास्टिक के बने ये सिक्के लेने पड़ते थे। खरीददारी को बची रकम भी इन्हीं सिक्कों के जरिए लौटाई जाती थी। डेरा ने अपने बड़े साम्राज्य के चलते ये सिक्के बनाये थे। अब डेरा की आर्थिक स्थिति को जांचने को ईडी को सौंप दिया गया है तो डेरा ने अपनी इस प्लास्टिक करेंसी से पीछा छुड़ाना आरम्भ कर दिया है। डेरा सच्चा सौदा की इस करेंसी की स्थिति यह है कि अब घरों मेें बच्चे खेलते हैं। डेरा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से खुली दुकानों के मालिक भी इनको लेने से कतराने लगे हैं।