हैलो बीकानेर। बीकानेर श्रीनारी उत्थान सेवा समिति के द्वारा अक्षय तृतीय और पीपल पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में होने वाले बालविवाहो के रोकथाम और इन विवाहो से बच्चों पर पडने वाले दुष्परिणाम के बारे में जन जाग्रति अभियान के प्रथम चरण में रानी बाजार स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी बालिका विद्यालय (गुरुद्वारा विद्यालय) में छात्राओ को बालविवाह निषेध अधिनियम के अंतर्गत बालविवाह नही करने और नही होने की शपथ दिलाकर संगोष्टि आयोजित की गई।श्रीनारी उत्थान सेवा समिति के अध्यक्ष सुनीता गौड़ ने कहा की बीकानेर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में बालविवाह पर प्रभावी अंकुश लगाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है इससे ध्यान में रखते हुए सभी समाजिक संगठनो को जोड़कर इसका व्यापक प्रचार प्रसार और कड़ी नजर रखी जायेगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की प्रभारी डॉ.मीना आसोपा ने कहा की एक अवधारणा के रुप में बाल विवाह 18 साल की आयु पूरी करने से पहले का दो व्यक्तियों के बीच औपचारिक और गैर-औपचारिक बंधन है। इस रिवाज को मानव अधिकारों के दुरपयोग के रुप में देखा जाना चाहिये क्योंकि ये जबरन शादी का ही एक रुप है। भारतीय कानून के अनुसार, बाल विवाह वो है जिसमें लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम और लड़के की आयु 20 वर्ष से कम हो।इस अवसर पर पूर्व पार्षद कमला बिश्नोई,मुमताज बानो,ममता सोनी,विजय लक्षमी सहित महिलाओ ने छात्रो को बालविवाह न करने की शपथ दिलवाई।