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नई दिल्ली। पिछले दो महीने में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं हुई है और यह लगातार बढ़ती हुई तीन साल से ज्यादा के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है।
सरकार ने इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय करने शुरू किये थे। इसके पीछे उसका तर्क था कि ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दाम में आयी कमी का लाभ तत्काल मिल सकेगा। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में वृद्धि होने से तेल विपणन कंपनियाँ तत्काल दाम बढ़ाकर बोझ ग्राहकों पर डाल देंगी और उन्हें नुकसान नहीं होगा।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑयल इंडिया की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गयी। पेट्रोल की कीमत दिल्ली के लिए 13 जुलाई को 63.91 रुपये तय की गयी थी जो बढ़कर 70.38 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच गयी है। इसका मतलब साफ है कि ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आये उतार-चढ़ाव का लाभ नहीं मिल सका है।
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की यह कीमत 15 अगस्त 2014 (72.51 रुपये प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है। अंतर यह है कि उस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति लीटर से ऊपर थी जो इस समय 55 डॉलर के आसपास है।
डीजल की कीमत 29 अगस्त के बाद से कम नहीं की गयी है। राष्ट्रीय राजधानी में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों
पर इसकी कीमत 13 सितंबर को 58.72 रुपये प्रति लीटर है जो 31 अगस्त 2014 (58.97 रुपये प्रति लीटर) के बाद
का उच्चतम स्तर है। 

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