बीकानेर hellobikaner.in साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की वेबलाईन सीरीज के साहित्य मंच आयोजन में प्रदेश के रचनाकारों ने राजस्थानी भाषा में कविता एवं कहानी पाठ किया। इस आयोजन में बीकानेर व उदयपुर के रचनाकारों ने भाग लिया। आयोजन में सीमा भाटी और कमल रंगा ने काव्य पाठ किया। उदयपुर के रचनाकार अरविंद आशियां ने कहानी पाठ किया।
अकादमी में राजस्थानी भाषा के प्रभारी ज्योतिकिरण वर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण अकादमी सभी 24 भाषाओं में ओनलाईन आयोजन कर रही है। इनका प्रसारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। वर्मा ने तीनों रचनाकारों का परिचय दिया। सीमा भाटी ने आधुनिक संवेदना की परख, चावना, भरम आदि रचनाएं सुनाई। कमल रंगा ने शबद, मां, रेत आदि की बिम्ब कविताओं के अलावा राजस्थानी भाषा मान्यता के समर्थन की कविता सुनाई।
उदयपुर के अरविंद आशियां ने ‘ सवा सेर ‘ कहानी का पाठ किया। एंटीक के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े पर ये सशक्त कहानी थी। रचनाओं पर टिप्पणी करते हुए राजस्थानी भाषा संयोजक मधु आचार्य ने कहा कि राजस्थानी साहित्य अब किसी भी भारतीय भाषा से कमजोर नहीं। ये बात आज की रचनाएं पुष्ट करती है। रचनाकारों ने अकादमी सचिव के श्रीनिवास राव का आभार प्रकट किया। धन्यवाद ज्योतिकृष्ण वर्मा ने दिया।