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जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से सेवाओं को त्वरित गति और पारदर्शिता के साथ लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। जिला कलेक्टर अपने कामकाज में अधिक से अधिक आईटी का उपयोग कर आमजन को राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। राजे बुधवार को कलेक्टर-एसपी काॅन्फ्रेंस के पहले दिन दूसरे सत्र को संबोधित कर रही थीं। पहले दिन मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों से दस घण्टे से भी अधिक समय तक फीडबैक लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

राजस्थान बना लीडर स्टेट

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनसमस्याओं को दूर करने के लिए आईटी के माध्यम से कई ऐसी पहल की हैं, जिनको पूरे देश में सराहा गया। राष्ट्रीय स्तर के कई अवार्ड जीतकर राजस्थान आज आईटी में लीडरशिप कर रहा है। डिजिटल लीडर ऑफ द ईयर अवार्ड के साथ ही हमें भामाशाह योजना के लिए ई गवर्नेंस इनिशिएटिव ऑफ द ईयर अवार्ड, अभय कमांड सेंटर के लिए इफेक्टिव यूज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड सेफ्टी अवार्ड, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए हैल्थ इंश्योरेंस इनिशिएटिव ऑफ द ईयर जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड मिले हैं।

कितने कलेक्टर मोबाइल एप यूज करते हैं

राजे ने गुड गवर्नेंस के लिए सूचना तकनीक के इस्तेमाल को आवश्यक बताते हुए पूछा कि कितने जिला कलक्टर आमजन की समस्याओं के प्रभावी निस्तारण तथा योजनाओं की प्रभावी निगरानी के लिए नवाचारों के रूप में विकसित किए गए राजसम्पर्क, ई-मित्र, एमजेएसए मोबाइल एप का उपयोग करते हैं। इस पर जिला कलक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपने जिलों में भी कामकाज को सुगम बनाने के लिए इसी प्रकार के एप्लीकेशंस अपनाए हैं। राजे ने कहा कि जिला कलक्टर अपने जिलों में ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहन दें तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी तकनीक से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

साभारः महानगर टाइम्‍स

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