मोहनलाल सुखाड़िया विश्विद्यालय, उदयपुर

मोहनलाल सुखाड़िया विश्विद्यालय, उदयपुर

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उदयपुर hellobikaner.in मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय कोरोना काल में विद्यार्थियों के आर्थिक संकट को महसूस करते हुए शुल्क कम करने के निर्णय में प्रदेश में अग्रणी रहा है। एसएफएस पाठ्यक्रमों में 15 प्रतिशत शुल्क कम करने का आदेश दो महीने पहले ही जारी कर दिया गया था जोकि अभी जारी प्रवेश प्रक्रिया में भी लागू रहेगा। इसके साथ ही अब तक विश्वविद्यालय ने 150 अति जरूरतमंद विद्यार्थियों का शुल्क पूरी तरह माफ किया है।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि अक्टूबर में कई छात्र प्रतिनिधियों ने कुलपति प्रो अमेरिका सिंह से भेंट कर शुल्क कम करने की मांग की थी। इस पर कुलपति ने सहानुभूति पूर्वक विचार करके एसएफएस में 15  प्रतिशत शुल्क कम करने पर सहमति व्यक्त कर दी। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने इस निर्णय को 8 अक्टूबर को काउंसिल ऑफ डीन्स की बैठक में रखा जहां इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में विभिन्न महाविद्यालयों में एसएफएस पाठ्यक्रमों में करीब 5 हज़ार विद्यार्थी पढ़ते हैं।

15 प्रतिशत फीस कम होने के बाद उनकी मूल फीस में 3 से 5 हज़ार रुपए कम किए गए हैं। इस काल में विद्यार्थी कम से कम दो सेमेस्टर में प्रवेश लेंगे और उन्हें इस तरह दो सेमेस्टर की कुल फीस में 30  प्रतिशत की राहत मिलेगी। पीजी विषयों में अभी प्रवेश प्रक्रिया जारी है इस तरह से अगली कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी यह लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे अति जरूरत मंद 150 विद्यार्थियों का शुल्क पूरी तरह माफ़ कर दिया गया। कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने कहा कि कोरोना काल में फीस कम करने वाला सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय हो गया है जो कि विद्यार्थियों के हित में और उनके उन्नयन के लिए, स्किल डेवलपमेंट के लिए एवं रोजगार परक कोर्स चलाने की दिशा में अग्रसर है।

“हमारा विद्यार्थी हमारे विश्वविद्यालय का अभिन्न अंग है और एक अभिभावक होने के नाते विश्वविद्यालय का दायित्व है कि वह विद्यार्थियों की समस्याओं को समझने का प्रयत्न करें और मानवता का दृष्टिकोण रखे,कोरोना की विश्वव्यापी विपरीत परिस्थितियों ने विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है। ऐसे में कई विद्यार्थी और उनके अभिभावक फीस भरने में असमर्थ महसूस कर रहते हैं हमने उनकी इस वेदना को समझा और हमारे दायित्व को निभाते हुए हमने उनकी समस्या के निराकरण का सार्थक प्रयास किया।

मेरा मानना है कि हर क्षेत्र में मानवीय संवेदनाओं के लिए एक उच्च स्थान स्थान होना चाहिए जो संवेदना और सहानुभूति से परिपूर्ण हो। मानवीय मूल्यों की परिभाषा तभी सार्थक हो पाएगी जब हम इसका अनुसरण करें और किसी को लाभान्वित करें।”  -कुलपति, प्रोफेसर अमेरिका सिंह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय

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