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॥ राजस्थान कबीर यात्रा एक परिचय ॥

फरवरी 2012 में राजस्थान के बीकानेर जिले में आयोजित हुई लोकप्रिय ’राजस्थान कबीर यात्रा’ के बाद इस बार फिर नवंबर 2016 में बीकानेर की सांस्कृतिक संस्था लोकायन एवं बीकानेर पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान कबीर यात्रा का आयोजन होने जा रहा है। सात दिनों की यह यात्रा सात जिलों से गुजरती हुई उस विराट कबीर को साकार करती हुई चलती है जिसे देश की अनेक भाषाओं, अनेक संस्कृतियों के लोग कोने-कोने से कबीर को अपने अपने अंदाज में गाते हुए आकर इस यात्रा को ’कबीर महा-संगम’ बना देते हैं।
11 से 16 नवम्बर तक विचित्र अनुभव और अनुभूतियाॅं देने वाली यह राजस्थान कबीर यात्रा न केवल बीकानेर के लिए बल्कि पूरे राजस्थान के लिए एक अ्दभुत महोत्सव होगा। आइए, इस विराट ’राजस्थान कबीर यात्रा’ के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को जानें और शामिल होवें इस काफिले में जो खोजने निकलेगा कबीर के ’राम’, के ’कबीर’ और स्वयं के अपने सत्य को।
’राजस्थान कबीर यात्रा’ राजस्थान में अपनी तरह का अनूठा आयोजन है जो इस बार लोकायन संस्थान और बीकानेर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। संत श्री दूलाराम कुलरिया परिवार के आर्थिक सहयोग से आयोजित होने जा रही यह यात्रा सात दिनों में बीकानेर के आसपास के पांच गाॅंवों में कबीर और अन्य संतों की वाणियों की धूणी जागृत करेगी। बीकानेर (11 नवंबर) में आरम्भ होकर यह यात्रा डूंगरगढ़ (12 नवंबर ), राववाला (13 नवंबर ), श्री कोलायत (14 नवंबर ), मूलवास (15 नवंबर ) होते हुए आखिरी दिन 16 नवंबर को बीकानेर में भव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न होगी।
इस यात्रा में मालवा के प्रसिद्ध वाणी गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या, कालूराम बामनिया, दिल्ली से सूफी गायक मदनगोपाल सिंह, पद्मश्री मधुप मुद्गल, दास्तानगाई के कलाकार अंकित चढ्ढा, जैसलमेर के महेशाराम, चेन्नई से बिन्दुमालिनी, कच्छ (गुजरात) से भारमल वागा, और बैगंलोर से शबनम विरमानी अपनी प्रस्तुतियाॅं देंगे। इनके अलावा बीकानेर में वाणी परम्परा के संवाहक श्री शिवजी सुथार एवं श्री बद्री सुथार, मुख्त्यार अली, गवरा देवी, मीरा बाई, ओमप्रकाश नायक और भंवरी देवी जैसी लोक गायिकाएॅं भी इस यात्रा में अपनी प्रस्तुतियाॅं देंगी। यात्रा के दौरान कबीर की भक्ति परम्परा, उनसे जुडे आख्यानों, कबीर के सामाजिक आन्दोलनों के सन्दर्भों की तलाश करती और कबीर के राम की तलाश पर केन्द्रित शबनम विरमानी द्वारा निर्देशित चार वृतचित्र फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
16 नवम्बर को यात्रा के समापन समारोह में देश के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्मश्री मधुप मुद्गल अपनी प्रस्तुति देगें। मधुप मुद्गल पंडित कुमार गंधर्व के शिष्य रह चुके हैं और कबीर गायन पर उनके कई एलबम आ चुके हैं। राजस्थान कबीर यात्रा से सम्बन्धित अन्य जानकारियां www.rajasthankabiryatra.org पर भी उपलब्ध हैं।

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