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श्रीगंगानगर। नेशनल यूनियनिष्ट जमींदारा पार्टी के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष उदयपाल झाझडिय़ा ने केन्द्र सरकार द्वारा धारा-370 हटाने के निर्णय को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि देशहित में लिए गए इस निर्णय का जमींदारा पार्टी स्वागत करती है। इसके साथ ही  झाझडिय़ा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि राजस्थान प्रदेश कृषि आधारित प्रदेश है। यहां की आजीविका का मुख्य आधार कृषि है। अत: मोदी सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादे स्वामीनाथन आयेाग की रिपोर्ट को भी लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब इसके लिए एकदम सही एवं उपयुक्त समय है इसलिए केन्द्र सरकार किसान हित में कदम उठाते हुए किसानों की मुख्य मांग स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को भी लागू कर किसानों को राहत प्रदान करे।

झाझडिय़ा ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में रोजगार सुधार के लिए  खेती से जुड़े रोजगारों को बढ़ाने की बात कही गई है। आयोग ने कहा था कि साल 1961 में कृषि से जुड़े रोजगार में 75 फीसदी लोग लगे थे जो कि 1999 से 2000 तक घटकर 59 फीसदी हो गया। इसके साथ ही आयोग ने किसानों के लिए ‘नेट टेक होम इनकम’ को भी तय करने की बात कही है। भूमि बंटवारे को लेकर स्वामीनाथन आयोग ने अपनी सिफारिश में भूमि बंटवारे को लेकर चिंता जताई थी। इसमें कहा गया था कि 1991-92 में 50 फीसदी ग्रामीण लोगों के पास देश की सिर्फ  तीन फीसदी जमीन थी, जबकि कुछ लोगों के पास ज्यादा जमीन थी।

आयोग ने इसके सही व्यवस्था की जरूरत बताई थी। सिंचाई सुधार में सुधार हेतु भी आयोग ने गहरी चिंता जताई थी। साथ ही सलाह दी थी कि सिंचाई के पानी की उपलब्धता सभी के पास होनी चाहिए। इसके साथ ही पानी की सप्लाई और वर्षा-जल के संचय पर भी जोर दिया गया था। आयोग ने पानी के स्तर को सुधारने पर जोर देने के साथ ही ‘कुआं शोध कार्यक्रम’ शुरू करने की बात भी कही थी। भूमि सुधार हेतु बेकार पड़ी और अतिरिक्त जमीनों की सीलिंग और बंटवारे की भी सिफारिश की गई थी। इसके साथ ही खेतीहर जमीनों के गैर कृषि इस्तेमाल पर भी चिंता जताई गई थी। उत्पादन में सुधार हेतु आयोग का कहना था कि कृषि में सुधार की जरूरत है। इसमें लोगों की भूमिका को बढ़ाना होगा। इसके साथ ही आयोग ने कहा था कि कृषि से जुड़े सभी कामों में ‘जन सहभागिता’ की जरूरत होगी, चाहे वह सिंचाई हो, जल-निकासी हो, भूमि सुधार हो, जल संरक्षण हो या फिर सड़कों और कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ शोध से जुड़े काम हों। श्री झाझडिय़ा ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू होने से इन सब बिन्दुओं पर काम होगा, जिससे कृषि प्रधान इलाकों में भी तरक्की सम्भव होगी।

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