कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पत्रकार-चिंतक गोपाल झा ने कहा कि साहित्य से ही परिवर्तन संभव है, बशर्ते कि साहित्य लोककल्याण के उद्देश्य से लिखा जाए। हनुमानगढ़ जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण थरेजा ने कथारंग जैसे प्रयासों को वक़्त की जरूरत बताते हुए कहा कि इससे नए लेखकों को प्रेरणा मिलेगी। विशिष्ट अतिथि भगवती पुरोहित ने राजस्थानी के विकास की बात कही।प्रारम्भ में समाजसेवी बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि साहित्य के वातावरण से ही सकारात्मकता बढ़ती है। इस अवसर पर उपस्थित लघुकथाकारों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में रामेश्वर दयाल राही, प्रह्लाद राय पारीक, नगेन्द्र नारायण किराड़ू, प्रियंका भारद्वाज, नरेश मेहन, हरीश हैरी, डॉ.आशाराम भार्गव राजू सारसर, दीनदयाल शर्मा, सीमा भाटी, गायत्री शर्मा, ईश्वर विद्यार्थी, दिनेश जुनेजा आदि मौजूद थे। आभार आनंद जोशी ने जताया। संचालन नोहर के साहित्यकार महेन्द्रदत्त शर्मा ने किया।
कथारंग-3 के बीकानेर के सभी रचनाकारों तक पहुंची लेखकीय प्रति
कथारंग-3 में बीकानेर संभाग के 261 रचनाकारों की लघुकथाएं हैं। कथारंग के लोकार्पण के ठीक बाद जहां उपस्थित रचनाकारों को कथारंग की लेखकीय प्रति प्रदान की गई। वहीं बीकानेर के 196 रचनाकारों को भी लोकार्पण के ठीक बाद लेखकीय प्रति उपलब्ध करवा दी गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने लेखकों को उनकी लेखकीय प्रति लोकार्पण के दिन उपलब्ध करवाई गई। बीकानेर के रचनाकारों तक लेखकीय प्रति पहुंचाने की जिम्मेदारी अजितराज व विकास शर्मा ने वहन की। एक सप्ताह में श्रीगंगानगर, चूरू के सभी रचनाकारों तक भी लेखकीय प्रति पहुंचा दी जाएगी।