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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कुछ नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए भुगतान की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था RTGS की सुविधा सभी सातों दिन 24 घंटे देने का फैसला किया है। यह सुविधा इसी साल के दिसंबर से शुरू हो जाएगी।

 

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, जानिए RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें

– रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

– आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की।

– दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है।

– अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

– नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत।

– चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान।

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– जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान।

– वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी।

– चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट।

– रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे।

– मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद।

भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीसरी द्विमासिक बैठक के बाद बताया कि छोटी राशि की ऑनलाइन भुगतान सुविधा NEFT प्रणाली को पिछले साल दिसंबर से चौबीसों घंटे कर दिया गया है। यह प्रणाली निर्बाध रूप से काम कर रही है। इसे देखते हुए अब आरटीजीएस को भी चौबीसों घंटे करने का फैसला किया गया है।

फिलहाल आरटीजीएस की सुविधा सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध है। रविवार और महीने के दूसरे तथा चौथे शनिवार को यह सुविधा बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं होती है। आरटीजीएस के तहत कम से कम 2 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए जा सकते हैं जबकि इसके लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
वहीं, एनईएफटी की सुविधा छोटी राशि के लिए है। हालांकि रिजर्व बैंक ने इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की है, लेकिन बैंकों को अधिकतम सीमा तय करने की छूट है।

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