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विवेक मित्तल

बीकानेर। शिवबाड़ी चौराहे से बीकानेर के ऐतिहासिक श्रीलालेश्वर महादेव मन्दिर, शिवबाड़ी तथा राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र की ओर जाने वाले मार्ग की हालत अत्यन्त ही दयनीय बनी हुई है। इस मार्ग पर स्थित नाला बना हुआ है परेशानी का कारण, सड़कांे पर फैला रहता है गटर की गन्दा पानी जिसके कारण आवागमन हो रहा है बाधित। मन्दिर प्रशासन तथा मुख्य सड़क की दोनों ओर रहने वाले नागरिकों को कहना है कि इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन को अनेक बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवाया जा चुका है पर इस नाले की समस्या हेतु कोई भी ठोस तथा जायज कार्यवाही आज तक नहीं हुई है। बड़ी की गम्भीर बात है कि जिस मुख्य मार्ग से हजारों दुपहिया वाहन, कार, बस, टैक्सी, स्कूल बाल वाहिनियाँ गुजरती हैं और जो मार्ग मन्दिर के श्रद्धालुओं, साधकों तथा उष्ट्र केन्द्र जाने वाले देशी-विदेशी सैलानी जो की इसी दुर्धटना सम्भावित मार्ग से जाते हैं, कैसी छवि अपने मन में लेकर जाते होंगे भारत की? जरा सोचिये तो सही। स्वार्थसिद्धि, प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही के कारण इस गन्दे नाले की समस्या नासूर बनती जा रही है।

स्थानीय निवासी अजय कुमार की कहना है कि नाला अवरूद्ध हो जाने के कारण पानी सड़क पर आने लगा हैं तथा सड़क अनेक स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गई है जिसके कारण आवागमन में बाधा आ रहा है। इस नाले के पानी की निकासी का स्थाई समाधान निकाला जाना चाहिए। तेजपाल खटोड़ का कहना है कि नाला काफी पुराना है, वर्तमान में नाले के ऊपर तथा आसपास अवैध अतिक्रमण होने के कारण गन्दा पानी आगे नहीं जा रहा है तथा सड़कों पर गन्दगी फैल रही है। प्रशासन को इस समस्या की ओर शीघ्र ध्यान देना चाहिए। शिवलाल मीणा के कहना है कि प्रशासन बीकानेर के सभी नालों की सफाई बरसात से पूर्व कर रहा है तो इस नाले की भी सफाई होनी चाहिए। ताकि गन्दे पानी की निकासी का मार्ग खुल सके। मलसिंह चौहान, जिलाध्यक्ष श्रीअखिल रावणा राजपूत सेवा संस्थान ने बताया कि नाले में से निकलने वाले गन्दे पानी के मार्ग को पूर्व भी भांति सुचारू करके समस्या का स्थाई समाधान प्रशासन को निकाला चाहिये।

साधकों और श्रद्धालुओं का कहना है कि मन्दिर के रास्ते में सड़कों पर गन्दा पानी भरा होने के कारण कई बार वाहनों के गुजरने से गन्दे कीचड़ के छींटे कपड़ों पर उछल कर गिरते हैं जिसके कारण अशुद्ध हुए कपड़ों सहित दर्शन व पूजा हेतु मन्दिर नहीं जा पाते। बारिश के समय में इस नाले का गन्दा व दूषित पानी मन्दिर की ओर ढलान होने के कारण मन्दिर के सामने तक आ जाता है, मन्दिर की पवित्रता को नष्ट करता है जो काफी कष्टदायक है साथ ही साथ रियासतकाली एतिहासिक स्थल की उपेक्षा हो रही है। स्थानीय निवासी सीताराम, देवकरण, आसूराज, भगवानाराम आदि सभी ने कहा कि हम सभी प्रशासन से निवेदन करते हैं कि श्रद्धालुओं, साधकों, वृद्धजन, बालकों तथा राहगीरों की सुरक्षा को देखते हुए शीघ्र ही ठोस और सकारात्मक कार्यवाही करने के आदेश जारी करें ताकि समय रहते बड़ी दुर्घटना होने से रोकी जा सके।

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