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राजस्थान के जोधपुर की शिप्रा शर्मा अफगानिस्तान में आतंकवाद से पीडि़त परिवरों की मदद करने के लिए तीन महीने पहले काबुल पहुंची थी। शिप्रा की धमाके से तीन दिन पहले मौत हो गई। हादसे की सूचना परिवार को दो दिन बाद मिली। युवती का शव शुक्रवार दोपहर जोधपुर पहुंचेगा।

साइंटिफिक पब्लिशर्स के पवन शर्मा की बेटी शिप्रा शर्मा (35) अक्टूबर 2018 में काबुल पहुंचीं थी। वहां अफगानिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर सिविल सोसायटी के साथ बतौर डायरेक्टर सर्टिफिकेशन के रूप में काम शुरू किया। 14 जनवरी को शाम 7:30 बजे मां आशा शर्मा से वीडियो कॉल कर बात की।

रात 8 बजे आरडीएक्स से भरा ट्रक उनकी बिल्डिंग से टकरा गया। धमाके में शिप्रा बिल्डिंग के मलबे में दब गई। बाद में अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास से शिप्रा की मौत की खबर आई। परिवार ने सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत से मदद मांगी, तो शिप्रा के शव को रिलीज कर दिया गया।

शिप्रा के मामा राजकुमार ने बताया कि शिप्रा नए साल पर जब जोधपुर आई थी तो उन्होंने बताया था कि काबुल लौटने के बाद उन्हें उसी बिल्डिंग में अपना कमरा बदलना है। मां से भी कहा था कि थोड़ी देर में वह रूम शिफ्ट कर लेंगी। लेकिन आधे घंटे बाद ही हादसा हो गया और बिल्डिंग ढह गई। उनका कमरा बिल्डिंग के उसी हिस्से में था, जो आरडीएक्स धमाके के कंपन से ढह गया। शायद उन्हें कमरा बदलने का मौका भी नहीं मिला होगा। अगर वह कमरा बदल लेती तो शायद आज… इसके बाद वह कुछ नहीं बोल सके।

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