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जयपुर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर राज्य कर्मचारियों को सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग पर आधारित पुनरीक्षित वेतन नियम 2017 का नकद लाभ अब 1 जनवरी, 2017 से दिया जाएगा। वर्तमान में यह नकद लाभ 1 अक्टूबर, 2017 से दिया जा रहा है। वेतन आयोग का लाभ दिनांक 1 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 तक काल्पनिक आधार(नोशनल) पर दिया जाएगा और एरियर तीन किश्तों में दिया जाएगा।

उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत और राज्य वित्त आयोग की अध्यक्ष डॉ. ज्योति किरण शुक्ला ने  बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे कर्मचारियों के हितों के प्रति सदैव संवेदनशील रही हैं। श्रीमती राजे कर्मचारियों को टीम राजस्थान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हैं। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारियों को कुल एरियर का 30 फीसदी पहली किश्त के रूप में  अपे्रल, 2018 में  और 30 फीसदी एरियर दूसरी किश्त के रूप में जुलाई, 2018 में दिया जाएगा। शेष बचा 40 फीसदी एरियर अक्टूबर, 2018 में दिया जाएगा।

13 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स होंगे लाभान्वित

श्री शेखावत ने बताया कि राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के अनुरूप लाभ दिए जाने पर 8 लाख 50 हजार कर्मचारी व 3 लाख 77 हजार पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। हालांकि इससे राज्य सरकार पर  10 हजार 400 करोड़ रूपये का वार्षिक वित्तीय भार आएगा। उन्होंने बताया कि अब न्यूनतम वेतन 6 हजार 900 रूपये के स्थान पर 17 हजार 700 रूपये प्रतिमाह किया गया है। राज्य कर्मचारियों को सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग पर आधारित वेतनमान का लाभ दिए जाने पर न्यूतनम 14.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मूल वेतन में यह वृद्धि 32 प्रतिशत है। राज्य कर्मचारियों के मकान किराये भत्ते में भी 100 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

 

उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता सातवें वेतन आयोग की New Pay Matrix System में मूल वेतन का 8 प्रतिशत एवं 16 प्रतिशत कर दिया गया है। विद्यमान कर्मचारियों का वेतन निर्धारण मूल वेतन के 2.57 के गुणक से किया गया है। वार्षिक वेतनवृद्धि प्रति वर्ष 1 जुलाई को मूल वेतन की 3 प्रतिशत दी गई है। प्रोबेशनर ट्रेनी के नियत पारिश्रमिक निर्धारण में नई पे मैट्रिक्स व्यवस्था के अनुसार न्यूनतम 5 हजार 630 रूपये एवं अधिकतम 20 हजार 530 रूपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। प्रोबेशनर ट्रेनी को नई अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। नॉन प्रेक्टिसिंग अलाउन्स की दर केन्द्र सरकार के समान रखी गई है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का पुनरीक्षण मूल पेंशन के 2.57 के गुणक से किया गया है। गे्रच्यूटी की अधिकतम देय राशि 10 लाख रूपये को बढ़ाकर 20 लाख रूपये किया गया है। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री डी.बी.गुप्ता, शासन सचिव बजट श्रीमती मंजू राजपाल भी उपस्थित थीं।

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