जयपुर। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्कूलों में भारतीय संस्कृति और साहित्य की शिक्षा देने की वकालात की है। उन्होंने कहा बच्चों को स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ानी चाहिए, क्योंकि यह हमारी सभ्यता का हिस्सा है। हम अपनी सभ्यता की बातें बच्चों को बताएं, लेकिन इसके जरिए किसी तरह की राजनीतिक विचारधारा थोपने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इन मुद्दों को धर्मनिरपेक्ष राजनीति में नहीं उलझाया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता थरूर जयपुर साहित्य उत्सव में चर्चा सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल से चली आ रही शिक्षा की बजाय बच्चों को भारतीय संस्कृति और साहित्य की शिक्षा भी देनी चाहिए। भारत में ब्रिटिश शासन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश के लोगों ने अपने फायदे के लिए भारत का उपयोग किया और उनका ध्यान सोसायटी को सिविलाइज करने की बजाय पैसा बनाने में ज्यादा रहा।
अंग्रेजों ने दो सौ साल शासन किया औए एक समृद्ध देश को गरीब बनाकर छोड़ दिया। देश की गरीबी और भुखमरी दूर करने के लिए कुछ नहीं किया। ब्रिटिश शासन की गलत नीतियों की वजह से हजारों लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने मुस्लिम लीग को बढ़ावा दिया। बंगाल के विभाजन में भी उनका हाथ था। अंग्रेजों ने भारतीय सिविल सेवा में शामिल अधिकारियों के साथ भी बहुत भेदभाव का व्यवहार किया गया।
शिक्षा के माध्यम से उन्होंने हमारे दिमाग पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन हमें हमारी पुरानत सभ्यता को नहीं भूलना चाहिए। थरूर ने भाजपा पर निशाना साधाते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ दिखाने के लिए महात्मा गांधी का नाम लेती है और उनका अनुसरण करने की बात करती है, जबकि उसका बुद्धिजीवी वर्ग महात्मा गांधी को पसंद नहीं करता। मोदी सरकार गांधी के योगदान को भुलाना चाहती है। आज के दौर में गांधी एक प्रतीक तो हैं, लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं हो रहा है।