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संस्कारो की विरासत संभालें आज के बच्चे……
लूनकरणसर। स्वच्छ भारत का सपना साकार करते हाथ, कर्म योग पर चलने की सीख देती बांसुरी पकड़े कान्हाजी, हाथों पर भावों को उकेरती मेहंदी, ज्ञान का भंडार भरती मां शारदे और समाचार पत्रों की उपयोगिता बताते नन्हे नन्हे कदम.! ऐसे दृश्य शनिवार को उपखण्ड लूनकरणसर के गोपल्याण स्थित इक्कीस गर्ल्स कॉलेज और इक्कीस एकेडमी फॉर एक्सीलेंस में देखने को मिले। मौका था “संस्कारों की साख” समारोह का। दो दिवसीय समारोह का आगाज शुक्रवार को हुआ था। इस दौरान कॉलेज की छात्राओं ने संस्कारों से जूड़ी मेहंदी के मार्फत अपना हूनर दिखाया। वहीं विद्यालय के बच्चों ने अलग-अलग वेशभूषाओं के माध्यम से संस्कारों की विरासत को अंवेरने का संदेश दिया साथ ही राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका भी सुनिश्चित की।

इस मौके पर बोलते हुए संस्था सचिव डॉक्टर हरीमोहन सारस्वत ने कहा कि आज के बच्चे ही कल का भविष्य है। बच्चों का आज अच्छा होगा तो भविष्य भी सुनहरा होगा।

संस्था प्रधान राजूराम बिजारणियां ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संस्कारों की विरासत यदि कोई आगे ले जा सकता है तो वह आप बच्चे ही हैं।

संस्था अध्यक्ष श्रीमती आशा शर्मा ने बच्चों से स्तरीय शिक्षा के साथ साथ अपने अंदर छिपे हूनर को पहचानने और उसका सही उपयोग करने की बात कही।

संस्थान के कृष्ण कुमार गोदारा, जय श्री सारस्वत, स्वाति शर्मा, दीपिका और पूजा ने अपनी देख-रेख में विद्यार्थियों से विभिन्न प्रस्तुतियां दिलवाई।
इससे पूर्व विद्यार्थियों ने “संस्कारों की साख” समारोह के अंतर्गत विभिन्न वेशभषाओं के माध्यम से अपने हूनर को प्रदर्शित किया।

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