जयपुर hellobikaner.in मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि इसके संक्रमण को किसी भी स्तर पर छिपाया नहीं जाए, क्योंकि इलाज में देरी से यह रोग घातक हो जाता है। जिन लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण को छिपाने के लिए समय पर जांच और इलाज नहीं करवाया, उन्हें बाद में गंभीर बीमार होकर अस्पताल में इलाज कराना पड़ा है।
गहलोत शनिवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) अस्पताल, जयपुर में 70 बेड वाले नए कोविड आईसीयू, 6 जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब तथा मथुरादास माथुर अस्पताल, जोधपुर में अत्याधुनिक कैंसर उपचार वार्ड तथा अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी लैब में आरटी-पीसीआर जांच की दर 800 रूपये प्रति सैम्पल की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की अधिकाधिक जांच और समुचित इलाज के लिए पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया गया है और अब हर जिले में आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। टोंक, प्रतापगढ़, राजमसन्द के नाथद्वारा, जैसलमेर, हनुमानगढ़ और बूंदी में टेस्ट लैब का वर्चुअल लोकार्पण करते हुए उन्होंने खुशी जाहिर की कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में कोरोना की निशुल्क जांच के लिए लैब कार्यशील कर दी हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बीमारी को छिपाने की बजाय समय पर जांच और इलाज करवाना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि कोरोना महामारी से लोगों का जीवन और आजीविका का बचाया जाए। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों, संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों से राजनैतिक मदभेदों को दूर रखकर सरकार के साथ खड़े होने तथा रचनात्मक सुझाव देने का आग्रह है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में शुरूआत से ही प्रदेश के हर वर्ग ने राज्य सरकार का भरपूर साथ दिया है, जिसके चलते हम राजस्थान मेें बेहतरीन प्रबंधन कर पाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में राजस्थान और तमिलनाडु ही दो राज्य हैं, जहां कोरोना की जांच के लिए 100 प्रतिशत टेस्ट सबसे विश्वसनीय पद्धति आरटी-पीसीआर से किए जा रहे हैं। सभी जिलों में निशुल्क सरकारी जांच व्यवस्था के साथ ही हमने निजी लैब और अस्पतालों में न्यूनतम दर पर आरटी-पीसीआर जांच की व्यवस्था उपलब्ध करवाई है। अब निजी लैब में आरटी-पीसीआर जांच की वर्तमान दर को 1200 रूपये से घटाकर 800 रूपये प्रति सैम्पल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का ध्येय ‘निरोगी राजस्थान‘ बनाने का है, जिसके लिए अभियान शुरू किया गया था। इस बीच, मार्च माह में, कोरोना संक्रमण फैल गया, लेकिन अब इस अभियान को फिर से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में स्वास्थ्य मित्रों का भी चयन किया गया है, जिनका निरोगी राजस्थान अभियान में सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) विकसित करने की योजना भी तैयार की गई है।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस तरह सभी वर्गों को साथ लेकर कोरोना महामारी का सामना किया है, उसके लिए पूरे देश में मुख्यमंत्री गहलोत की सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर जिले में जांच सुविधा होने से आम लोगों को फायदा होगा। उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थापित स्वास्थ्य केन्द्रों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों से जोड़ने का सुझाव दिया। डॉ. जोशी नेे कहा कि हर स्तर के स्वास्थ्य केंद्र पर रोगी को फोन से विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह मिलने से स्वास्थ्य ढांचे का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि आरयूएचएस अस्पताल में नए आईसीयू वार्ड के बाद अब यहां कुल 205 आईसीयू बेड उपलब्ध हो गए हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त 70 बेड वाले आधुनिकतम आईसीयू वार्ड पर 8 करोड़ 10 लाख रूपये की लागत आई है। इसके साथ ही यहां 1,000 ऑक्सीजन बेड भी उपलब्ध हैं और सीटी-स्कैन की सुविधा शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता में राजस्थान अग्रणी राज्य बन गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि राजस्थान देश का पहला प्रदेश है, जिसके हर एक जिले में कोरोना वायरस की जांच के लिए आरटी-पीसीआर लैब स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाें में ये टेस्ट लैब संचालित भी कर दी गई हैं।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन कहा कि जिन जिलों में आरटी-पीसीआर लैब नहीं थी, वहां से कोरोना जांच के सैम्पल लेकर दूसरे जिलों में टेस्ट के लिए भिजवाए जा रहे थे। अब नई लैब स्थापित जाने से सभी जिलों में अधिक टेस्टिंग हो सकेगी। इसी प्रकार, आईसीयू बेड की संख्या बढ़ने से भी रोगियों को राहत मिलेगी।
शासन सचिव स्वास्थ्य शिक्षा वैभव गालरिया ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 38 सरकारी और 23 निजी लैब में कोरोना की जांच की जा रही है। राजस्थान ने एक दिन में 60,000 आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक संख्या में लोगों को इस जांच सुविधा का उपयोग करना चाहिए।