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इस आशय की कुछ शिकायतें मिली हैं कि करदाताओं को आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग-इन करने अथवा पैन (स्‍थायी खाता संख्‍या) और आधार डेटाबेस में नाम एकसमान न होने के कारण पैन से ‘आधार’ को जोड़ने में मुश्‍किलें पेश आ रही हैं। वैसे तो तकनीकी समस्‍याओं को पहले ही बाकायदा दूर कर दिया गया है, लेकिन लॉग-इन करने में असमर्थ होने का मुख्‍य कारण यह था कि अंतिम तारीख होने के कारण एकदम से करदाताओं की भीड़ बढ़ गई और इसके साथ ही ऐसे लोग जो पहले ही लॉग-इन कर चुके थे वे इसमें मुश्‍किलें पेश आने के अंदेशे को ध्‍यान में रखते हुए घबराहट में आकर पूरी अवधि तक लॉग-इन का फायदा उठाना चाहते थे।

घबराहटपूर्ण माहौल को देखते हुए करदाताओं को सहूलियत देने के लिए सरकार ने निम्‍नलिखित कदम उठाए हैं:

रिटर्न की ई-फाइलिंग के लिए फिलहाल ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ‘आधार’ अथवा आधार के लिए आवेदन करने पर मिली पावती संख्‍या को दर्ज कर देना ही पर्याप्‍त होगा। इसके बाद आधार से पैन को वास्‍तव में 31 अगस्‍त, 2017 से पहले कभी भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि, जब तक ‘पैन’ से ‘आधार’ को नहीं जोड़ा जाएगा या लिंक किया जाएगा, तब तक आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग नहीं होगी। रिटर्न की ई-फाइलिंग में सहूलियत के लिए आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग की तिथि 5 दिन आगे बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है। अब आयकर रिटर्न 5 अगस्‍त, 2017 तक दाखिल किया जा सकता है।

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