नए वित्त वर्ष के आगाज के साथ ही आम आदमी से सीधे तौर पर जुड़े कुछ खास नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कुछ ऐसे बड़े नियम हैं जिनमें बदलाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। हम अपनी इस खबर के जरिए आपको इन्हीं बदलावों के बारे में बताएंगे। जानिए नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से क्या कुछ बदलने वाला है।
- 2.5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच की आय वालों का टैक्स 10 फीसद से 5 फीसदी कर दिया जाएगा। सेक्शन 87, के तहत छूट 5000 रुपये से घटाकर 2500 रुपये कर दी गई है। साथ ही जिन की आय 3.5 लाख रुपये से ऊपर है उनके लिए कोई छूट नहीं है।
- जिन लोगों की कर योग्य आय 5 लाख रुपये तक की है (बिजनेस इनकम के अलावा) उनके लिए टैक्स फाइल करने के लिए एक पेज का सरल फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
- जिन लोगों की आय 50 लाख से 1 करोड़ है, उनपर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा। साथ ही जिन लोगों की आय एक करोड़ रुपये के ऊपर है उनपर 15 फीसद तक का सरचार्ज लगेगा।
- लंबे समय के लाभ के लिए प्रॉपर्टी से पैसे कमाने वालों के लिए अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष कर दी गई है।
- सरकार ने उन संपत्तिधारकों के लिए कर लाभ कम कर दिए हैं, जो उधारकर्ता (बॉरोअर्स) बन कर किराए का फायदा उठाते हैं।
- आयकर विभाग अधिकारी बीते 10 वर्षों के उन सभी मामलों की फिर से जांच कर सकता है, जिनकी आय और संपत्ति 50 लाख रुपये से अधिक है। मौजूदा समय में आयकर अधिकार अधिकतम 6 वर्षों के केस की खोल सकता है।
- आंकलन वर्ष 2018-19 के लिए राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश करने वालों के लिए कोई भी डिडक्शन नहीं दी जाएगी।
- अब पैन कार्ड के आवेदन के लिए भी आधार कार्ड का होना अनिवार्य होगा। साथ ही जुलाई से टैक्स रिटर्न भरते वक्त आधार का होना जरूरी होगा।
- नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से की जाने वाली आंशिक निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
- जिन लोगों को 50,000 रुपये से अधिक का किराया मिलता है, उन्हें 5 फीसद अतिरिक्त टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा।