bikaner holi

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इस साल होली का त्योहार 09-10 मार्च को मनाया जाएगा। इससे पहले होलिका पूजन और फिर होलिका दहन किया जाएगा। बता दें कि होलिका दहन के लिए प्रदोष काल का समय सबसे उत्तम माना गया है। लेकिन कई बार भद्रा होने की वजह से होलिका दहन का समय बदल जाता है। लेकिन इस बार भद्रा काल दोपहर में ही खत्म हो रहा है जिस कारण शाम को सूर्यास्त के बाद होलिका दहन किया जाएगा।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 09 मार्च को शाम 06:26 से 08:52 बजे तक का है। वहीं भद्रा पुंछा का शुभारंभ सुबह 09:50 बजे से 10:51 बजे तक रहेगा। वहीं भद्रा मुखा का समय सुबह 10:51 से 12:32 बजे तक का है। बता दें कि होलिका दहन का पूजन प्रदोषकाल में शास्त्रसम्मत माना जाता है। इस समय होलिका पूजन का शुभ मुहूर्त है। महिलाओं को होलिका पूजन के बाद भोजन करना शुभ माना जाता है।

पूजा के लिए पूजा की थाली में रोली, कच्चा सूत, पुष्प, हल्दी की गांठें, खड़ी मूंग, बताशे, मिष्ठान्न, नारियल, बड़बुले आदि को मुख्य रूप से शामिल करना चाहिए। होलिका पूूजन के दौरान सबसे पहले यथाशक्ति संकल्प लेकर गोत्र-नामादि का उच्चारण कर पूजा करना शुभ माना जाता है। सबसे पहले भगवान गणेश व गौरी का पूजन करनी चाहिए। वहीं ‘ॐ होलिकायै नम:’ मंत्र से होली का पूजन शुरु करना भी शुभ माना जाता है।

उसके बाद ‘ॐ प्रहलादाय नम:’ से प्रहलाद का पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात ‘ॐ नृसिंहाय नम:’ से भगवान नृसिंह (भगवान विष्णु के अवतार) का पूजन करना चाहिए. उसके बाद अपनी समस्त मनोकामनाएं करनी चाहिए. इसके बाद एक कच्चा सूत लेकर होलिका पर चारों तरफ लपेटकर 3 परिक्रमा करनी चाहिए. साथ ही अगर आप चाहते हैं तो 7 बार भी परिक्रमा कर सकते हैं।

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