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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, बीकानेर। राजस्थान के जोधपुर जिले के पुष्करणा ब्राह्मण में जन्में शिव कुमार बिस्सा उर्फ़ शीन काफ निजाम को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। निजाम को यह पुरुस्कार उर्दू साहित्य लेखन के लिए दिया जायेगा।
शिव कुमार बिस्सा उर्फ़ शीन काफ निजाम करीब 80 वर्ष के है। निजाम ने कई शायरी, कविताएं व आलोचना ओं की पुस्तकें लिखी हैं। निजाम ने कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सेमिनारों में पत्रवाचन किया। अंग्रेजी, गुजराती, राजस्थानी व मराठी कविताओं की पुस्तकों का अनुवाद भी किया। इसके साथ ही निजाम ने कई पुस्तकों के संपादन भी किया ।
निजाम को गुमशुदा डेर की गूंजती घंटिया पुस्तक लेखन पर केन्द्रीय साहित्य एकेडमी की ओर से पुरस्कार मिला है। वहीं, देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं की ओर से भी पुरस्कार मिल चुके है। गत वर्ष कतर में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
शिव कुमार बिस्सा उर्फ़ शीन काफ निजाम का जन्म 26 नवम्बर 1945 को जोधपुर के पुष्करना ब्राह्मण परिवार में हुआ। बचपन से ही पुस्तकें पढने की शौख रखने वाले निजाम ने बीच में ही इंजीनियरिंग की पढाई छोड़ दी और लेखन का रास्ता अपना लिया।
निजाम हमारे पडौसी देश पाकिस्तान में भी खूब फेमस है। पाकिस्तान की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका चहारसू में एक विशेषांक निजाम पर केन्द्रित था। निजाम की कई पुस्तकें पाकिस्तान में खूब पढ़ी जाती है। पाकिस्तान के कई शोधार्थी निजाम की पुस्तकों पर अपना शोध कार्य कर रहे है।
जोधपुर के पुष्करणा समाज में जन्मे शीन काफ निज़ाम को पद्मश्री से अलंकृत किए जाने से देश के साहित्य प्रेमियों में एवं पुष्करणा समाज मे हर्ष की लहर है। जोधपुर ही नहीं पूरे भारत में रहने वाले पुष्करणा समाज के लोगों द्वारा निजाम की इस उपलब्धि पर बधाई मिल रही है। बीकानेर के साहित्यकार हरीश बी शर्मा, संजय आचार्य वरुण, इरशाद अजीज, बाबूलाल छंगाणी, रंगकर्मी राम सहाय हर्ष व आशीष पुरोहित भी प्रशंसा जताई।