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बीकानेर,गंगाशहर। जब तक हृदय परिवर्तन नहीं होगा तब तक जीवन में नया कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह बात तेरापंथ युवक परिषद् गंगाशहर द्वारा शान्ति निकेतन में आयोजित संगोष्ठी “कैशलेस स्ट्रेसलेस” में बोलते हुए साध्वी लावण्यश्री ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने हमें अपरिग्रह का जीवन जीने का सिद्धान्त दिया। आचार्य तुलसी ने अपने जीवन में खूब परिवर्तन किए आज आचार्य तुलसी के दीक्षा दिवस पर परिवर्तन की गोष्ठी आयोजित करके तेयुप ने समयानुकूल कार्य किया है। साध्वीश्री प्रबलयषा जी ने कहा कि परिवर्तन का अर्थ है बदलाव और व्यक्ति इसकी शुरूआत स्वयं से करें। सकारात्मक सोच व संकल्प से ही जीवन की दिषा बदल सकते हैं। उन्होंने कहा जीवन को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लेवें।


संगोष्ठी के मुख्यवक्ता प्रोफेसर त्रिलोक कुमार जैन ने कहा कि इस परिवर्तन की दिषा और उद्देष्यों को समझकर उसके लिए अपने आप को तैयार करें और इस परिवर्तन की आंधी में आगे बढ़ते हुए खुद को भी लाभान्वित करें और देष की मदद करें। प्रो. टी.के. जैन ने कहा कि हम अगर पूर्णतया डिजिटल इकोनाॅमी को अपनाए तो सरकार आयकर हटाने के बारे में भी सोच सकती है। कोई भी बड़ा बदलाव नए उद्योगों के लिए रास्ते खोल देता है तो इस निर्णय से भी नए उद्यमियों को मौका मिल जाएगा। नयी तकनीक को अपनाने, फैलाने और उसके व्यावसायिक लाभ उठाने में उद्यमी दक्ष होता है तो आप निष्चित मानिये की युवा उद्यमी आज नए जमाने के लिए तैयारी कर रहें है। उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रमों को भी बदलाव लाने में मदद करने के लिए कहा गया है। जयपुर रेल स्टेषन पर सब कुछ कैष लेस इकाॅनमी से जुड़ गया है। डाॅ जैन ने कहा डिजिटल इकाॅनमी में साइबर क्राइम भी बहुत बढ़ेंगे-अतः साइबर सिक्योरिटी, इन्टरनेट , आॅनलाइन वेबसाइट आदि का प्रचलन बढ़ेगा। इस दिषा में लोगों को प्रषिक्षण और संबल प्रदान करने की जरूरत है। मुख्य वक्ता रमेष कुमार मीणा शाखा प्रबन्धक इंडसंड बैंक ने कहा कि परिवर्तन अच्छा होता है तथा भविष्य उज्ज्वल होगा। अब युग मोबाईल को बैंक बनाने का आ गया है। मीणा ने कहा कि विमुद्रीकरण के चलते जो 95 प्रतिषत धन घरों में था वह अब बैंकों में पहुंच गया है, इससे बैंकों के पास आया धन से देष के विकास के लिए कल कारखानों, कृषि इत्यादि में लगेगा। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग में हम विष्वस्तर पर देखें तो बहुत पीछे हैं। रमेष कुमार मीणा ने कहा कि परिवर्तन से अब लेन देन की अकाउन्टिंग होगी तो सरकार को कर ज्यादा मिलेगा तो देष विकास की दौड़ में आगे बढ़ेगा। आने वाले समय में टेलिकोमनीकेषन व स्र्माफोन का मार्केट बहुत ज्यादा बढ़ेगा। उन्होंने आम जनता को कैषलेस पद्धति के बहुत सारे फायदे बताए।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि तेरापंथ इक्कीसवीं सदी का धर्म संघ है। आचार्य भिक्षु ने जब इसकी नीवं रखी तब क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ। आचार्य तुलसी ने युग के अनुरूप परिवर्तन किए, विरोध सहा परन्तु आज समाज सबसे आगे गतिमान है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान हेतु रोल माॅडल में अ.भा.तेरापंथ महिला मण्डल को चुना व कैषलेस इण्डिया-स्ट्रेसलेस इण्डिया की योजना को जन जन तक पहुंचाने का कार्य अ.भा. तेरापंथ युवक परिषद् ने लिया है, यह समयानुकूल है। छाजेड़ ने कहा कि आचार्य महाश्रमण जी के नेतृत्व में समाज ने कईं महीने पहले से ही यह प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है।
इस अवसर पर राजेन्द्र सेठिया, तेयुप अध्यक्ष मनीष बाफना ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कैषलेस इकाॅनमी को अपनाने की आवष्यकता प्रतिपादित की। संगोष्ठी का शुभारम्भ तेरापंथ कन्या मण्डल द्वारा किया गया। जिज्ञासाओं का समाधान प्रो.टी.के. जैन ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महापौर नारायण चैपड़ा ने कहा कि परिवर्तनक की बयार आ गयी है। उन्होंने विमुद्रीकरण के फायदों की चर्चा करते हुए कहा कि इससे नक्सलवाद व आतंकवाद पर नकेल कसी गई है तथा जाली नोट समाप्त हो गए है। चैपड़ा ने कहा कि तेयुप ने बहुत ही समयानुकूल कार्यक्रम आयोजित करके सरकार की नीतियों का समर्थन किया है। प्रो.टी.के. जैन को तेयुप परामर्षक नवरतन बोथरा व मनोज सेठिया ने, रमेष कुमार मीणा को पूर्व अध्यक्ष जतन संचेती व मंत्री मनीष छाजेड़ ने तथा महापौर नारायण चैपड़ा को जैन महासभा के महामंत्री जतन दूगड,़ भंवरलाल डागा ने तथा नगर विकास न्यास चैयरमेन महावीर रांका का सम्मान तेयुप के पूर्व अध्यक्ष पियुष लूणिया व मंत्री विजेन्द्र छाजेड़ ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सभा, तेयुप, महिला मण्डल, कन्या मण्डल, किषोर मण्डल के सदस्य तथा सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन सहमंत्री एडवोकेट कन्हैयालाल बोथरा ने किया।

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