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हैलो बीकानेर,। बीकानेर शहर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है चाहे संगीत हो या खेल बीकानेर की प्रतिभा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर शहर का नाम रोशन किया ही है। बीकानेर के राजेश विश्नोई सन 2009 व गजेन्द्र सिंह आईपीएल में खेलकर बीकानेर का गौरव बढ़ा चुके है।
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इसी लिस्ट में अब एक और नाम जुड गया है अनिकेत चौधरी का जी हां आईपीएल 2017में बीकानेर के अनिकेत चौधरी का चयन आरसीबी में हुआ है। २ करोड़ में आरसीबी ने अनिकेत चौधरी को अपनी टीम में शामिल किया है। विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम आरसीबी आईपीएल 2017 का अहम हिस्सा है।
अनिकेत के दोस्ट कुशाल व मधुर ने हैलो बीकानेर को बताया कि बीकानेर के जयनारायण व्यास में रहने वाले अनिकेत चौधरी को बचपन से क्रिकेट से बहुत लगाव था। बीकानेर की बीबीएस स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा लेने वाले अनिकेत चौधरी के पिता एक की सरकारी नौकरी होने की वजह से उनका ट्रांसफर जयपुर हो गया जिससे अनिकेत चौधरी को जयपुर रहना पड़ा। अनिकेत बचपन को बॉलिंग करने का जनुन रहा, बचपन में बीकानेर में अनिकेत ने अपने दोस्तों और भाईयों के साथ क्रिकेट खेला। 2005 में जयपुर के सुराणा क्रिकेट अकादमी ज्वाइन करने के बाद भारत के लिए खेलने का सपना बनाया और आईपीएल इस सपने को पूरा करने में मेरी मदद करेगा। अनिकेत का परिवार सिर्फ शाहकारी भोजन का सेवन करता है और अनिकेत भी शाकाहारी भोजन खाते थे. अनिकेत ने बताया ‘मेरे डाइट चार्ट में अधिक प्रोटीन के लिए नॉन वेज और अंडे शामिल थे. जब मैंने घर पर इस बात को बताया तो मेरी मम्मी-पापा ने मुझे नॉनवेज खाना खाने के लिए हां बोल दी.’

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किसी भी तेज गेंदबाज के लिए तेज पिचों पर गेंदबाजी करने का सपना होता है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में तेज और बाउंसी पिचें होती है भारतीय टीम की तरफ से खेलने के लिए मौका मिलता है तो मैं साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसी तेज और उछाल वाली पिचों पर मेरी लंबाई का फायदा उठाऊंगा और भारत के लिए अपना योगदान दूंगा.

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अनिकेत अपनी गेंदबाजी में ऑस्ट्रेलिया के ‘पिजन’ के नाम से मशहूर ग्लेन मैग्राथ को अपना आदर्श मानते है. साथ ही दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर में शुमार एडम गिलक्रिस्ट का अनिकेत के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है 2013 में जब मेरा चयन आईपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब के लिए हुआ तो मेरे और परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

अक्सर देखा जाता है कि क्रिकेट खेलने के कारण खिलाड़ियों की पढ़ाई बाधित हो जाती है. लेकिन अनिकेत ने खेल- खेल में इंजीनियरिंग की. शुरुआत में अनिकेत को पढ़ाई में कुछ रूचि नहीं थी. लेकिन जयपुर में क्रिकेट के साथ मेरी पढ़ाई में भी खूब निखार आया. मैंने सन 2007-11 में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.

अनिकेत चौधरी की इस सफलता के पीछे उनके पापा विनोद चौधरी का बहुत बड़ा योगदान है उन्होंने मुझे बीकानेर की गली में क्रिकेट खेलते देख अपने गृह नगर को छोड़ जयपुर शिफ्ट होने का फैसला किया. मेरी हर एक जरूरत को पूरा किया और मुझे हमेशा साहस बंधाया. आज में जो कुछ भी हूं सिर्फ उनकी वजह से. भारत के लिए खेलकर में उनके सपनों को एक दिन जरूर ‘पंख’ दूंगा. साभार आजतक

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