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बीकानेर (हैलो बीकानेर)। निराश्रित गौवंश के लिए जमीन आवंटित कराने को लेकर एक ओर जहां कांग्रेस ने धरना देकर दबाव बनाया, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के महापौर नारायण चौपड़ा दो दिन से राजधानी जयपुर में डटे रहे। बीकानेर जिले के निराश्रित गौ वंश हेतु भूमि आवंटित करवाने के लिए महापौर नारायण चौपड़ा द्वारा पिछले लंबे समय से किए जा रहे भागीरथी प्रयास आज रंग ले आए है, आज जयपुर में चौपड़ा द्वारा श्रीचंद कृपलानी से मुलाकात की गई, मंत्री द्वारा भूमि आवंटन संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर गौर वंश की रक्षार्थ ऐतिहासिक कदम उठाया गया।

महापौर नारायण चौपड़ा ने ‘हैलो बीकानेर’ से बातचीत में बताया कि निराश्रित गौवंश की समस्या के समाधान के लिए वे अपने कार्यकाल के आरंभ से ही पूरी तन्मयता से जुटे हुए थे, लेकिन बीच-बीच में कई तकनीकी और अन्य कारणों से इस कार्य में विलंब हो गया। गौशाला के लिए जमीन आवंटित हो गई है। महापौर नारायण चौपड़ा ने ‘हैलो बीकानेर’ से बातचीत में बताया की बीकानेर के शहर नथनिया के खसरा नंबर 5/3 रकबा 35.86 हैक्टेयर व सुजानदेसर के खसरा नंबर 341 रकबा 10.96 हैक्टेयर है, खसरा नंबर 385 रकबा 6.94 हैक्टेयर, खसरा नंबर 359 रकबा 8.24 हैक्टेयर, खसरा नंबर 360/1 रकबा 5.92 हैक्टेयर योग 34.28 हैक्टेयर कुल योग 70.14 हैक्टेयर आराजीराज भूमि नगर निगम बीकानेर को हस्तांतरित के संबंध अनापति की है। राजस्व (ग्रुप-6  ) विभाग, राजस्थान जयपुर की अधिसूचना संख्या एफ.6(9) राजस्व-6/96 पार्ट/39 दिनांक 08.12.10 के अनुसरण में उक्त भूमि का पूजीगत मूल्य (लगत दरो की 40 गुणा राशी के बराबर ) की वसूली की शर्त पर नगर निगम को हस्तांतरण करने की स्वीकृति मिली है।

आए दिन शहर में बेसहारा पशुओं से बीकानेर की जनता परेशान थी। राजस्थान सरकार के मंत्री श्रीचन्द कृपलानी से लगातार महापौर चौपड़ा बेसहारा गौवंश के गंभीर मुद्दे को लेकर समाधान के लिए प्रयत्नशील थे। मंगलवार को इस घोषणा के बाद पूरे शहर में खुशी की लहर है।

इस फैसले से गौ भक्तों में खुशी का माहौल है, अब बीकानेर में आवारा गौ वंश आम जन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जल्द ही निराश्रित गौ वंश को आवंटित भूमि में शिफ्ट करने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।

महापौर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा श्रेय लेने के सवाल पर कहा कि हम निराश्रित गौवंश को लेकर संवेदनशील थे और हमेशा रहेंगे भी। जहां तक जमीन आवंटन का मसला है तो यह पिछले महीने ही साफ हो गया था कि यह काम तो होना ही है।

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